जानिए कैसे आम आदमी बना बेरहम डाकू, एक दिन में परिवार के 6 लोगों को मारा, जलते घर से आती रही महिला और बच्चों की चीख…

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Thokia Ka Inteqam: चित्रकूट 17 जुलाई 2003 अपरान्ह 3 बजे भरतकूप थाना क्षेत्र के बगहिया पुरवा गांव में लोग अपनी दिनचर्या में व्यस्त थे, तभी हथियारों से लैश डाकूओं का एक गिरोह ओमनाथ पटेल को मारने के लिए आ धमका। इन डाकूओं को देखते ही ओमनाथ पटेल अपने पक्के घर में भागकर चला गया और उसके पास भी एक बंदूक थी, जिसके कारण डाकू उसके पीछे नहीं गए, जबकि वहां मौजूद महिलाएं और बच्चे एक कच्चे घर में भागकर छिप गए और अंदर से दरवाजे बंद कर लिए। इसी बीच ओमनाथ पटेल का चचेरा भाई रामकिशोर पटेल उर्फ बगला 22 वर्ष और बड़का कोल घर के बाहर ही थे, जिन्हें देखते ही डाकूओं ने गोलियों की बौछार कर दी, जिससे दोनों की तत्काल मौत हो गई। बगहिया पुरवा गांव में यह जघन्य हत्याकांड को अंजाम देने वाला कुख्यात डाकू ठोकिया था और उसके साथ में डाकू खड़क सिंह उर्फ मुन्नीलाल यादव और अन्य डाकू मौजूद थे।

दस्यु ठोकिया की आंखों में खून सवार था और उसने कच्चे घर में बंद महिलाओं और बच्चों को बाहर आने को कहा, लेकिन उसकी ललकार सुनने के बाद भी कोई बाहर नहीं आया। इसके बाद उसने अपने साथ आए डाकूओं से घर में आग लगाने को कहा और आग लगने के बाद उस कच्चे घर में मौजूद ओमनाथ पटेल के भाई प्रकाश की पत्नी चुन्नी 28 वर्ष, उसका पुत्र छोटा 3 वर्ष, ओम की नातिन गीता 5 वर्ष और एक अन्य बच्चे की जलकर मौत हो गई। इस सामूहिक हत्याकांड के बाद ठोकिया अपने साथियों के साथ वहां से निकल गया। इससे पूर्व भी 19 जुलाई 2002 को कुख्यात डाकू ठोकिया ने ओमनाथ पटेल के बड़े भाई रामस्वरूप और उसके बेटे दुर्गा की जंगल में गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस तरह ठोकिया ने एक ही परिवार के आठ लोगों को मौत की नींद सुला दिया था। आखिर ऐसी क्या वजह थी कि ठोकिया ओमनाथ पटेल का जानी दुश्मन था। कुख्यात डाकू ठोकिया का नाम अंबिका पटेल उर्फ डाक्टर था।

दस्यु ठोकिया और ओमनाथ पटेल
दस्यु ठोकिया और ओमनाथ पटेल

उसका जन्म चित्रकूट जनपद के थाना भरतकूप के मजरा घुरेटनपुर के लोखरिया गांव में रामस्वरूप उर्फ लोटवा के घर 1972 में हुआ था। पिता ने अंबिका पटेल को इंटर तक की शिक्षा दिलाई और वह गांव में छोटे-मोटे लोगों का इलाज करने लगा। तभी से लोग उसे डाक्टर भी कहने लगे। वर्ष 2001 में उसकी संगत दस्यु सरगना आईएस-220 संता खैरवार गैंग से हो गई। ठोकिया पर पहला मुकदमा 19 अक्तूबर 2001 को राजेश का अपहरण करने और फिरौती मांगने को लेकर दर्ज हुआ। मध्य प्रदेश में डाकू संता खैरवार एक पुलिस मुठभेड़ में मारा गया, जिसके बाद गिरोह की कमान दस्यु ठोकिया ने संभाल ली और 13 मार्च 2004 को ठोकिया गिरोह अंतरराज्यीय गैंग आईएस-229 के रूप में पंजीकृत हुआ। अब जानते है दस्यु ठोकिया और ओमनाथ पटेल के बीच दुश्मनी का कारण एक साधारण घराने का ठोकिया इंटर पास करने के बाद गांव में झोलाछाप डाक्टर बनकर अपना जीवन-यापन कर रहा था। इसी दौरान गांव के ही शंभू के पुत्र सूरजभान ने ठोकिया की बहन के साथ बलात्कार कर दिया था। सूरजभान ओमनाथ पटेल का भतीजा था। उस समय ओमनाथ पटेल का क्षेत्र में काफी दबदबा था। यह मामला गांव की पंचायत में पहुंचा, जहां पर पंचायत में सूरजभान और ठोकिया की बहन की शादी का फैसला सुनाया गया और यह तय हुआ कि ओमनाथ पटेल इस शादी के लिए सात हजार रुपए देगा, लेकिन ओमनाथ पटेल मुकर गया और शादी नहीं की। इसके बाद ठोकिया पुलिस के पास भी गया, लेकिन उसकी सुनवाई वहां भी नहीं हुई। इस खुन्नस को लेकर गुस्साया ठोकिया डाकू संता खैरवार की शरण में चला गया और इसके बाद उसने दिनदहाड़े बहन से बलात्कार करने वाले युवक सूरजभान को टेम्पो से खींचकर गोली माकर हत्या कर दी।

ओमनाथ पटेल की पत्नी रनुवा देवी और भतीजी शकुंतला

साथ ही यह ऐलान कर दिया कि कोई भी लाश को नहीं उठाएगा, लेकिन मृतक के चाचा ओमनाथ पटेल ने सूरजभान की लाश का अंतिम संस्कार किया, तभी से दोनों में रंजिश हो गई। 4 अगस्त 2008 सोमवार की सुबह दस्यु ठोकिया एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया। ठोकिया के ढेर होने की खबर पाकर घुरेटनपुर ग्राम पंचायत के बगहियापुर गांव में जबरदस्त खुशी का माहौल हो गया और ओमनाथ पटेल के परिवार के सदस्यों ने राहत की सास ली। इस खबर को सुनकर ओमनाथ पटेल की पत्नी रनुवा देवी और भतीजी शकुंतला के चेहरे खुशी से खिल गए और उन्होंने यही कहा कि जीवन में उन्होंने बहोत भयानक मंजर देखे और उनकी आंखें तक पथरा गई थी, लेकिन ठोकिया के मारे जाने के बाद उन्हें काफी चैन मिला है। ओमनाथ की भतीजी शकुंतला ने तो ठोकिया के मारे पर जाने पर कहा था कि उसे इससे भी भयानक मौत मिलनी चाहिए थी, क्योंकि उसने उसके पिता और भाई की जंगल में हत्या की थी। दस्यु ठोकिया के अंत से पूरे बुंदेलखंड में जश्न का माहौल था और सभी ने तत्कालीन एसटीएफ के एसपी अमिताभ यश के प्रति आभार व्यक्त किया था और कहा था कि आज उन्होंने एक खुंखार डाकू से हम सभी को निजात दिला दी।

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