लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद की अध्यक्षता में हुई उत्तर प्रदेश राज्य सड़क निधि प्रबंधन समिति की बैठक

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Lucknow News: लोक निर्माण मंत्री एवं उत्तर प्रदेश राज्य सड़क निधि प्रबंधन समिति के अध्यक्ष जितिन प्रसाद की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क निधि प्रबंधन समिति की बैठक हुई. बैठक में लोक निर्माण मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस वर्ष नए कार्यों के मद में स्मार्ट सड़कों के निर्माण को प्राथमिकता दी जाए, जिसमें कि सारी सुविधाएं अण्डरग्राउंड डक्ट के माध्यम से दी जाए. उन्होंने निर्देश दिया कि एक्सप्रेस-वे को जोड़ने वाली मुख्य सड़कों के आवश्यकता अनुसार चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण को प्राथमिकता दी जाए, जिससे सम्बंधित क्षेत्र के लोगों को एक्सप्रेस-वे का अधिक से अधिक लाभ मिल सके और क्षेत्र का विकास हो सके.

राज्य सड़क निधि प्रबंधन समिति की बैठक में वित्तीय वर्ष 2023-24 हेतु राज्य सड़क निधि के अंतर्गत 3054-मद में सड़कों के अनुरक्षण हेतु प्रविधानित कुल 3000 करोड़ रुपए की बजटीय व्यवस्था के मदवार फ़ांट का समिति ने सर्वसम्मति से अनुमोदन किया, जिसके अनुसार पूर्व स्वीकृत चालू कार्यों हेतु 2000 करोड़ रुपए, प्रदेश के विभिन्न श्रेणी के मार्गों के सामान्य मरम्मत के साथ नवीनीकरण हेतु 600 करोड़ रुपए तथा मार्गों के विशेष मरम्मत व पुल/पुलियों के पुनः र्निर्माण हेतु 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.

इसके साथ ही राज्य सड़क निधि के अंतर्गत 5054-मद में सड़कों के निर्माण/पुनर्निर्माण एवं चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण कार्य हेतु 2500 करोड़ की बजटीय व्यवस्था के मदवार फ़ांट का समिति द्वारा सर्वसम्मति से अनुमोदन किया गया, जिसके अनुसार पूर्व स्वीकृत चालू कार्यों हेतु 1000 करोड़ रुपये, जबकि मार्गों के निर्माण/पुनर्निर्माण/चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के नए कार्यों हेतु 1500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.

लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि निर्धारित गाइडलाइन और नई तकनीकी के जरिए आवश्यकता के अनुसार कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी. लोक निर्माण मंत्री ने बैठक में विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि ग्रामीण सड़कों के रखरखाव, नवीनीकरण व चौड़ीकरण आदि पर विशेष रूप से फोकस किए जाने की आवश्यकता है.

निर्माण कार्यों की गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा. गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखते हुए निर्माण कार्यों को निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण किया जाए, निर्माण कार्यों में मानकों का शत-प्रतिशत अनुपालन भी सुनिश्चित करायें. गुणवत्ता की जांच के लिए सड़कों का औचक निरीक्षण कराएँ और लापरवाही पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए.

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