एक ऐसा मंदिर जहां की जाती है कुत्तों की पूजा, जानिए वजह
कुकुरदेव मंदिर छत्तीसगढ़ के रायपुर से करीब 132 किलोमीटर दूर दुर्ग जिले के खपरी गांव में स्थित है.
इस मंदिर के गर्भगृह में कुत्ते की प्रतिमा स्थापित है. यहां लोग कुत्ते की पूजा करते हैं.
ऐसी मान्यता है कि कुकुरदेव का दर्शन करने से न कुकुरखांसी होने का डर रहता है और न ही कुत्ते के काटने का खतरा रहता है.
आज भी लोग लगातार कुत्ते के काटने पर यहां आकर इस मंदिर में मौजूद कुत्ते की प्रतिमा की पूजा करते हैं.
नवरात्रि और महाशिवरात्रि के समय में इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ लगती है.
इस ऐतिहासिक और पुरातत्वीय मंदिर का निर्माण फणी नागवंशीय शासकों द्वारा 14वीं-15वीं शताब्दी के बीच कराया गया था.
कुकुर खांसी या कुत्ते के काटने से लोग यहां की मिट्टी भी उपयोग करते हैं.
लोगों की अटूट आस्था इस स्थल के प्रति है. यहां नवरात्रि में लोग मनोकामना ज्योतिकलश प्रज्वलित करते हैं.
लोगों का ऐसा मानना है कि जो भक्त यहां आकर सच्चे मन से मन्नत मांगते हैं, उनकी मुरादें जरूर पूरी होती हैं.