Kashi Vishwanath Dham: वाराणसी स्थित काशी विश्वानाथ धाम के जीर्णोद्धार के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि देखी जा रही है. इस साल सावन के महीने में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु यहां पर पहुंचे और मंदिर में दर्शन पूजन किया. इस बीच सूबे की योगी सरकार ने विश्वनाथ मंदिर में चढ़ने वाले फूलों को लेकर एक नया प्लान बनाया है. इस प्लान से रोजगार के अवसर विकसित होंगे, जिससे करीब दो सौ से ज्यादा महिलाएं आत्मनिर्भर हो सकेंगी. जानिए सरकार का पूरा प्लान.
सरकार का प्लान
सूबे की योगी सरकार भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक की मदद से मंदिर में चढ़ाए गए फूलों से अगरबत्ती और खाद निर्माण करने की योजना बना रही है. अक्टूबर के महीने से विश्वनाथ मंदिर में बाबा पर चढ़े फूलों से कई तरह की चीजों के निर्माण कार्य को शुरू करने की योजना है. इस प्लान से बांसरहित अगरबत्ती, धूप, खाद, साबुन का निर्माण होगा, हवन कैप बनाने का काम किया जाएगा. अगरबत्ती के उद्योग से करीब दो सौ से ज्यादा महिलाएं आत्मनिर्भर हो सकेंगी.
क्या है डेवलपमेंट संस्था
दरअसल, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू की गई पहल के बाद काशी विश्वनाथ धाम में अर्पित किए गए फूलों से रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे. इन निर्माल्य को अब कूड़े में फेंकने और नदी में बहाने से मना किया गया है. इन चढ़ाए गए फूलों से अलग-अलग घरों को महकाने की कोशिश की जाएगी.
आपको बता दें रिसर्च और डेवलपमेंट संस्था साईं इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट सिडबी की मदद से काशी विश्वनाथ धाम मंदिर में चढ़ाए गए फूलों से अगरबत्ती, धूप का निर्माण शुरू किया जाएगा. जानकारी हो कि ये संस्था युवा ग्राम्य विकास समिति द्वारा संचालित है.
प्रतिदिन 50 टन फूल-माला व निर्माल्य का है लक्ष्य
इस संस्था के एक अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस कार्यक्रम को आने वाले 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के स्वच्छता पखवाड़ा से शुरू किया जाएगा. मिली जानकारी के अनुसार पहले चरण में वो फूल जोकि काशी विश्वनाथ मंदिर में चढ़ाए गए होंगे, उनको रिसाइकिल किया जाएगा और अगरबत्ती बनाने में उपयोग किया जाएगा. मंदिर से प्रतिदिन 50 टन फूल-माला के साथ ही निर्माल्य लेने की योजना बनाई जा रही है.
नेचुरल खाद बनाने की तैयारी
वहीं, इसके अगले चरण में शहर के दूसरे मंदिरों से इसी प्रकार के कदम उठाए जाएंगे और इन फूलों को बिना किसी केमिकल वाले और बांसरहित व चारकोल फ्री अगरबत्तियां बनाने का काम किया जाएगा. इतना ही नहीं इन फूलों से प्रकृतिक खाद बनाने का काम भी काम किया जाएगा, जिसका प्रयोग किसान कर पाएंगे. इस पूरे कार्यक्रम से महिलाओं के स्वयं सहायता समूह को जोड़ने का काम किया जाएगा.
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