ताकत प्यार की! प्रेमी के लिए बच्चों संग बांग्लादेश से श्रावस्ती पहुंची दिलरुबा शर्मी, टिकटॉक से हुई थी दोस्ती

Abhinav Tripathi
Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Abhinav Tripathi
Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

अभिषेक सोनी/ Shravasti News: हाल ही में अपने प्यार में सीमा हैदर सचिन खातिर पाकिस्तान से नोएडा आ गई थी. वहीं, कुछ ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती से सामने आया है. यहां पर एक प्रेमिका अपने प्रेमी से मिलने के लिए अपने तीन बच्चों के साथ बांग्लादेश से श्रावस्ती पहुंच गई है. बताया जा रहा है कि महिला की दोस्ती अपने प्रेमी से टिक-टॉक के जरिए हुई थी. आइए आपको पूरा मामला बताते हैं.

जानिए पूरा मामला
दरअसल, टिकटॉक से हुई दोस्ती के बाद तीन बच्चों की मां बच्चों संग बांग्लादेश से प्रेमी के घर श्रावस्ती के भरथा रोशनगढ़ पहुंच गई. यहां प्रेमी की पत्नी व परिवार के विरोध के बाद मामला मल्हीपुर थाने पहुंचा. इसके बाद थाने में बातचीत के बाद प्रेमिका अपने बच्चों संग वापस लौट गई.

टिक टॉक से हुई दोस्ती
मिली जानकारी के अनुसार बांग्लादेश के जिला व थाना राउजन चटगांव निवासी दिलरुबा शर्मी के पति शैफुद्दीन की कोरोना काल में मृत्यु हो गई थी. जबकि श्रावस्ती मल्हीपुर थाना क्षेत्र के भरथा रोशनगढ़ निवासी अब्दुल करीम पुत्र मोहम्मद अमीम बुहरान देश में एक बेकरी में काम करता था, जिसका टिकटॉक के जरिए दिलरुबा से संपर्क हुआ. इस दौरान अब्दुल करीम ने खुद को अविवाहित बताते हुए दिलरुबा से दोस्ती बढ़ाई. धीरे-धीरे यह दोस्ती प्यार में बदल गई. दोनों साथ रहने का वादा भी करने लगे.

बताया जा रहा है कि दिलरुबा शर्मी टूरिस्ट वीजा पर अपनी पुत्री संजीदा (15), पुत्र मोहम्मद साकिब (12) व मोहम्मद रकीब (07) के साथ 26 सितंबर को कलकत्ता पहुंच गई. जहां से बाद में वह लखनऊ आई. लखनऊ से बहराइच आकर दो दिन वह किसी होटल में रुकने के बाद वह श्रावस्ती के मल्हीपुर थाना क्षेत्र के भरथा रोशनगढ़ पहुंचीं. दिलरुबा शर्मी की कहानी सुन अब्दुल करीम की पहली पत्नी शकीला बानो व आठ वर्षीय पुत्र मोहम्मद शादाब ने न सिर्फ इसका विरोध किया बल्कि इसकी सूचना जोखवा बाजार अपने मायके वालों को भी दे दी.

वापस गई बांग्लादेश
इसके बाद पूरा मामला एसएसबी व मल्हीपुर पुलिस तक पहुंचा. जहां पुलिस ने दिलरुबा व उसके बच्चों का वीजा जांचा तो वह वैध निकला. पुलिस की पूछताछ में दिलरुबा ने बताया कि उसे नहीं पता था कि अब्दुल करीम शदीशुदा व झूठा है. ऐसे इंसान के साथ वह अपने बच्चों संग रह कर जीवन बर्बाद नहीं करेगी, जिसके बाद वो बच्चों संग वापस लखनऊ चली गई. इस बारे में थानाध्यक्ष मल्हीपुर धर्मेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि महिला बच्चो को लेकर ट्रेवल एजेंट के साथ लखनऊ गई है. जहां से टिकट कंफर्म होते ही वह वापस बांग्लादेश चली जाएगी.

यह भी पढ़ें-

Latest News

उत्तर कोरिया ने अमेरिका को दी परमाणु युद्ध की धमकी, कहा- वॉशिंगटन का रवैया आक्रामक और शत्रुतापूर्ण

Nuclear War Risk: इन दिनों दुनियाभर के कई देशों में तनाव का माहौल है. इसी बीच उत्तर कोरिया के...

More Articles Like This