Pitru Paksha 2023: जानिए आपके घर किस रूप में दस्तक दे सकते हैं पूर्वज, ऐसे करें पहचान
पितृ पक्ष महत्वपूर्ण हिन्दू पर्व है. इस दौरान हम अपने पूर्वजों को याद करते हैं. इस साल पितृ पक्ष 14 सितंबर तक चलेंगा.
इस दौरान हम पितरों का श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण करते हैं. इससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है. वह हमें सुख-समृद्धि का आशीर्वाद भी देते हैं.
काशी के आचार्य की मानें, तो पितृ पक्ष के दौरान हमारे पूर्वज किसी न किसी रूप में हमसे मिलने धरती पर आते हैं.
मान्यता है कि कौए के रूप में पितर हमारे पास आते हैं और अन्न जल ग्रहण करते हैं. इसलिए कौए को पितरों का रूप मानकर उन्हें श्राद्ध का प्रथम अंश देना चाहिए.
पितृ पक्ष में अगर घर में लाल चीटियां दिखाई देती हैं, तो इसका मतलब है कि आपके पितर चीटियों के रूप में आए हैं. वह आप पर दया दृष्टि कर रहे हैं.
इसलिए पितृ पक्ष में चीटियों को आटा खिलाना चाहिए. इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है.
हिन्दू धर्म में मृत्यु के बाद पुनर्जन्म की मान्यता है और इस पुनर्जन्म का आधार पुण्य और पाप पर निर्भर होता है
अगर पूर्वज पशुयोनी में होते हैं, तो घास के रूप में और सर्पयोनी में होने पर हवा के रूप में उन्हें भोजन मिलता है. इसलिए पितृ पक्ष में हम श्राद्ध कर पूर्वजों की आत्मा की शांति का प्रयास करते हैं.
ये एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जो हमें हमारे पितरों के प्रति आभारी और समर्पित बनाती है.
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.