Deoria Murder Case: देवरिया में जमीनी विवाद में हुई 6 लोगों की हत्या ने देश को झकझोर कर रख दिया था. प्रदेश की योगी सरकार इस मामले में सख्त है. वहीं, इस मामले की जांच काफी तेजी से की जा रही है. मामले में जांच जैसे जैसे आगे बढ़ रही है, परत दर परत खुलते जा रही है.
प्रारंभिक जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि रुद्रपुर के फतेहपुर गांव का दबंग प्रेमचंद्र यादव का पहले से ही आपराधिक रिकॉर्ड था. यहां तक की जबरदस्ती जमीन कब्जाने का भी आरोप लगा था, लेकिन पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की.
जानिए मामला
दरअसल, इस मर्डर मामले के मुख्य आरोपी प्रेमचंद यादव और उसका भाई रामजी यादव ने इससे पहले सत्यप्रकाश दुबे के खेत की खड़ी गेंहू की फसल को हथियार के बल पर कटवा लिया था. हालांकि सत्यप्रकाश की शिकायत के बाद सिविल कोर्ट ने जमीन पर स्टे दिया था.
आरोप है कि स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया. इसके बाद सत्यप्रकाश दुबे ने न्यायालय अवमानना की याचिका भी दाखिल की और इंसाफ की गुहार लगाई.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो देवरिया के प्रेमचंद्र यादव ने कोरोना काल के लॉकडाउन के दौरान राइफल के बल पर सत्यप्रकाश दुबे के खेत में खड़ी गेंहू की फसल को कटवा लिया था. इस बात की शिकायत सत्यप्रकाश दुबे ने पुलिस थाने में की, हालांकि पुलिस प्रशासन ने शिकायत के आधार कोई कार्रवाई नहीं की.
कई मुकदमे दर्ज
जानकारी हो कि रुद्रपुर के फतेहपुर के लेहड़ा टोला में हुए इस हत्याकांड में मृतक सत्यप्रकाश दुबे ने वर्ष 2014 में कोर्ट में मामला दर्ज कराया था. इस केस के अंतर्गत प्रेमचंद्र यादव और रामजी यादव के खिलाफ जबरन भूमि कब्जा का आरोप लगाया था. इस मामले में कोर्ट ने 6 अगस्त 2014 को स्थगन का आदेश दिया था. बावजूद इसके पुलिस दबंग प्रेमचंद्र के आगे पुलिस बेबस दिखी.
उल्लेखनीय है कि सत्यप्रकाश दुबे ने 6 अप्रैल 2020 को स्टे कॉपी के साथ तत्कालीन जिलाधिकारी को एक प्रार्थनापत्र दिया था. जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी रुद्रपुर कोर्ट के आदेश को तत्काल पालन हेतु स्थाविय प्रशासन से कहा था, बावजूद इसके 7 सालों में कोई कार्रवाई नहीं की गई थी.
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