Electricity blackout: क्या होता है ब्लैकआउट? जानें भारत में पहली बार कब आई थी ऐसी स्थिति

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Electricity blackout: कभी-कभी ऐसा होता है कि पूरे शहर की बिजली एक साथ ही कट जाती है, ऐसे में लोगों को समझ नहीं आता है कि ऐसा क्‍यों हुआ है. आपको बता दें कि इस स्थिति को ब्‍लैकआउट कंडीशन कहते है. ऐसी स्थिति तब होती है जब इलेक्ट्रिकल पावर पूरी तरह से बंद हो जाती है. ये बिजली उत्पादन और खपत के बीच असंतुलन के कारण होता है. इसके अलावा कभी-कभी किसी प्राकृतिक आपदा के कारण भी ऐसा देखने को मिलता है.   

भारत में पहली बार कब हुई थी ब्‍लैकआउट की स्थिति

दरअसल, ब्लैकआउट केवल कुछ मिनटों तक या सबसे खराब स्थिति में कई घंटों, दिनों या हफ्तों तक हो सकता है. यदि किसी कारणवश जनरेंटिग स्‍टेशन का एक जनरेटर विफल हो जाता है, तो अन्य इकाइयों को इसका सामना करना पड़ता है. आमतौर पर, ये कोई समस्या नहीं है. लेकिन जब बिजली की मांग ज्‍यादा होती है, तो ग्रिड में अलग-अलग विफलताएं ब्रेकडाउन का एक कैसकेड ट्रिगर कर सकती हैं जिससे लाखों लोगों के बिजली की सप्लाई एक साथ बंद हो सकती है. आपको बता दें कि 1971 में पहली बार भारत में ब्‍लैकआउट की समस्‍या देखी गई थी.  

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ब्लैकआउट होने के कारण

खराब मौसम- कभी-कभी तेज हवाएं पेड़ों को तोड़ देती हैं जो ट्रांसमिशन लाइन को नुकसान पहुंचा सकता हैं. इसके अलाव बर्फ और बारिश से बाढ़ आती है जो सबस्टेशनों और अन्य बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाता है, जिसे ठीक करना इंजीनियरों के लिए बेहद ही मुश्किल का काम होता है.

बड़े पैमाने पर दुर्घटनाएं और सिस्टम विफलताओं- कभी-कभी बड़े पैमाने पर दुर्घटनाएं और सिस्टम विफलताओं के वजह से भी ऐसी स्थिति हो सकती है. इनमें सॉफ्टवेयर क्रैश, घटक दोष, आग, विस्फोट और बेसिक ह्यूमन एरर जैसे घटनाएं शामिल है. ‍

इन्फ्रास्ट्रक्चर हमले- कई बार तो ऐसा भी देखने को मिला है कि तांबे को चुराने के लिए भी कुछ लोग सबस्टेशनों को नुकसान पहुंचा देते है. या आतंकवादी बम या अन्य हथियारों का उपयोग करके उन्हें निशाना बना देते हैं. जिस वजह ये वह इलाका ब्‍लैकआउट कंडीशन में चला जाता है.

अंतरिक्ष का मौसम- सूर्य आधारित घटनाएं जैसे कि भू-चुंबकीय तूफान, सौर फ्लेयर्स और उल्काएं उपग्रह भी बिजली के बुनियादी ढांचे पर विनाशकारी प्रभाव डाल सकते हैं.

साइबर-हमले- इस समय आधुनिक ऊर्जा नेटवर्क विकेंद्रीकृत स्मार्ट ग्रिड में स्थानांतरित हो रहे हैं. जो की कई साइबर हमलें का भी शिकार हो सकते हैं.

स्‍पष्‍ट रूप से ये कहा जा सकता है कि बिजली के उपकरण और नेटवर्क को ब्लैकआउट का नुकसान समय पर निर्भर करता है. अगर बिजली जाने पर सिस्टम बंद हो जाता है, और जब बिजली वापस आती है उस वक्‍त शायद ये ठीक भी हो सकता है. लेकिन, जब किसी प्रक्रिया या ऑपरेशन के बीच यह विफल होता है, तो यह संभवत एक बड़ी समस्या का कारण हो सकता है.

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