Karwa Chauth Sargi Thali: हिन्दू धर्म में हर सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद अहम है करवा चौथ का त्योहार. इस दिन सुहागिनें अपने पति की लंबी उम्र के लिए सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक कठिन निर्जला व्रत रखती हैं. सोलह श्रृंगार कर रात में चांद को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोलती है. इस साल करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर को है.
हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ के रूप में मनाया जाता है. करवा चौथ व्रत में सरगी की थाली का विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि सास अपनी बहू को सरगी की थाली देती है. तो चलिए आज की खबर में जानते हैं कि सरगी की थाली में क्या-क्या जरूर होना चाहिए…
करवा चौथ की सरगी की थाली
सास अपनी बहू को सरगी की थाली में सुहाग का सामान, फल, मिठाई देकर सुखी-वैवाहिक जीवन और अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद देती हैं. माना जाता है कि करवा चौथ की सरगी में रखे गए व्यंजनों को ग्रहण करके ही इस व्रत को किया जाता है. सास न हो तो जेठानी या बहन भी इस रस्म निभा सकती हैं.
सरगी के सेवन का मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, करवा चौथ व्रत वाले दिन सूर्योदय से पूर्व 4-5 बजे के करीब सरगी का सेवन कर लेना चाहिए. ब्रह्म मुहूर्त में सरगी का सेवन करने की मान्यता है. सरगी में भूलकर भी तेल मसाले वाली चीजों को ग्रहण नहीं करना चाहिए. इससे व्रत का फल नहीं मिलता.
सरगी की थाली में क्या-क्या होना चाहिए
16 श्रृंगार का सामान
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सरगी की थाली में 16 श्रृंगार का सामान कुमकुम, बिंदी, पायल, मेहंदी, चूड़ी, लाल साड़ी, काजल, कंघी, गजरा, महावर, सिंदूर, पायल, मांग टीका, बिछिया, आदि होना चाहिए.
फल
सरगी की थाली में ताजे और मौसमी फल रखना चाहिए. थाली में सेब, अनानास, फल शामिल किया जा सकता है. यह सेहत के लिहाज से बहुत अच्छा होता है.
मिठाई
परंपरा के अनुसार, सरगी की थाली में मिठाई जरूर रखना चाहिए. कहते हैं मीठा खाने से व्रत करने में कोई व्यवधान नहीं आता.
सूखें मेवे-नारियल
धार्मिक परंपरा के अनुसार, सरगी की थाली में सूखें मेवे और नारियल रखना चाहिए. व्रती महिलाएं इस व्रत में अन्न-जल का त्याग कर देती हैं, इसलिए स्वास्थ को देखते हुए सरगी में मेवे और नारियल जरूर रखें.
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