Kalash Sthapana Puja Vidhi: नवरात्रि पर कैसे करें कलश स्थापना? जानिए घटस्थापना पूजन सामग्री की लिस्ट

Shubham Tiwari
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Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Shardiya Navratri Kalash Sthapana Pujan Vidhi and Puja Samagri List 2023: शक्ति उपासना के महापर्व शारदीय नवरात्रि की शुरुआत आज यानी 15 अक्टूबर से हो गई है. नवरात्रि के पहले दिन यानी अश्विन माह की प्रतिपदा के दिन मां दुर्गा की कलश स्थापना की जाएगी और नौ दिनों तक माता भगवती के नौ स्वरूपों की आराधना की जाएगी. अगर आप भी कलश स्थापना करने जा रहे हैं, तो आइए काशी के ज्योतिष मर्मज्ञ श्रीनाथ प्रपन्नाचार्य से जानते हैं कलश स्थापना किन-किन पूजा सामग्री की आवश्यकता होगी और कैसे करें कलश स्थापना…

कलश स्थापना का शुभ शुभ मुहूर्त
शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि के दिन यानी 15 अक्टूबर को कलश स्थापना का अति शुभ मुहूर्त 15 अक्टूबर को 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक है. यानी कुल मिलाकर कलश स्थापना के लिए 46 मिनट का अभिजीत शुभ मुहूर्त है. इस मुहुर्त में कलश स्थापना करना सर्वोत्तम है. इसके अलावा पूरे दिन कभी भी कलश स्थापना किया जा सकता है.

घटस्थापना स्थापना पूजन सामग्री लिस्ट
अगर आप नवरात्रि पर माता रानी का कलश स्थापित कर रहे हैं तो यह सामग्री पहले से ही रख लें. घटस्थापना के लिए कलश, गंगाजल , मौली, रोली, अक्षत, सिक्का, गेहूं या अक्षत, आम के पत्ते का पल्लव (5 आम के पत्ते की डली, मिट्टी का बर्तन, शुद्ध मिट्टी, मिट्टी पर रखने के लिए एक साफ कपड़ा, कलावा, गेहूं या जौ, पीतल या मिट्टी का दीपक, घी, रूई बत्ती, सिंदूर, लाल वस्त्र, जटा वाला नारियल लाएं.

मां दुर्गा के श्रृंगार की सामग्री
इसके अलावा देवी मां के श्रृंगार के लिए सामग्री लाल चुनरी, चूड़ी, बिछिया, पायल, माला, कान की बाली, नाक की नथ, सिंदूर, बिंदी, मेहंदी, काजल, महावर या आलता, नेलपॉलिश,लिपस्टिक और इत्र भी लाएं.

कैसे करें कलश स्थापना?
नवरात्रि कलश स्थापना के लिए सबसे पहले पहले माता की चौकी उत्तर पूर्व दिशा में स्थापित करें. इसके बाद चौकी पर गंगाजल छिड़कर पवित्र कर चौकी को पवित्र कर लें, अब आप इस चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं. इसके बाद कलश में पवित्र गंगाजल भरें, इस कलश में आम के पत्ते, सुपारी, कुछ सिक्के, दूर्वा और हल्दी के गांठ डालें. फिर कलश पर लाल वस्त्र में नारियल लपेटकर रखें. ध्यान रहे कि कलश मिट्टी, सोना, चांदी या तांबा का होना चाहिए. लोहे या स्टील का कलश प्रयोग नहीं करना चाहिए.

अब आप मां दुर्गा की आराधना करते उनका आहवाहन करें. साथ ही दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. इस दौरान अखंड दीप जलाएं. ध्यान रहे कि इस दीपक की नियमित देखभाल करें और उसमें समय समय पर घी डालते रहें, ताकि अखंड दीपक नौ दिनों तक जलता रहे. कलश स्थापना के बाद नौ दिनों तक मां दुर्गा की नियमित पूजा आराधना करते रहें.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई सामान्य मान्यताओं और ज्योतिष गणनाओं पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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