Sardiya Navratri 2023: जब भी कोई त्योहार आता है तो मंदिरों में लोगों की भीड़ बढ़ने लगती है. ऐसे में शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से शुरू हो गया है इस दौरान 10 दिनों तक मां दुर्गा के अलग अलग रूपों की पूजा जाती है. वहीं, दरभंगा जिले के सैदनगर में स्थित काली मंदिर जिसे तंत्र साधना के लिए विशेष माना गया है. क्योंकि यह तंत्र साधना शक्तिपीठ में ही होती है. यही कारण है कि यहां नवरात्रि के दौरान देश-विदेश के कई साधकों के द्वारा तंत्र साधना की जाती है. जिसमें भारत और नेपाल के साधक पहुंचते हैं और माता का आशीर्वाद लेते हैं.
वैदिक के साथ तांत्रिक विधि से होती है मां भगवती की पूजा
इस पर मंदिर के पुजारी का कहना है कि यह तंत्र सिद्धि का स्थान है. यहां वैदिक के साथ तांत्रिक दोनों विधियों से मां भगवती की पूजा-अर्चना की जाती है. यह सिद्ध पीठ है. यहां साधना करने के लिए बहुत दूर-दूर से लोग आते हैं. बता दें कि नवरात्रि में पड़ोसी देश नेपाल के अलावा भारत के कई राज्यों से साधक वहां पहुंचते हैं. इस सिद्ध पीठ पर नवरात्रि के दिनों में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है.
इस मंदिर में रोगी को नहीं होती हैं दवा की जरूरत
इतना ही नहीं पुजारी बाबा का तो ये भी मानना है कि जो भी व्यक्ति यहां पर सच्चे मन से पूजा-अर्चना करते हैं उनकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है. इसके साथ ही यदि किसी रोगी पर दवा का कोई असर नहीं हो रहा है कि तो वो लोग भी यहां पर मां से अपनी मनोकामना मांगने आते हैं और मां भगवती उनका कल्याण भी करती है.
आपको बता दें कि यह मंदिर 200 साल पुरानी है. अष्टमी के दिन यहां पूरी रात तंत्र साधना होती है. इस दिन यहां विशेष तांत्रिक पूजा की जाती है, उसमें भारत के कई राज्यों के साधन भाग लेने के लिए आते हैं. कहा जाता है कि जो भी तांत्रिक यहां पर तंत्र साधना करते हैं उनकी मनोकामना मां भगवती जरूर पूरा करती हैं.