Job in up: यूपी सरकार आउटसोर्सिंग से होने वाली कर्मचारियों की भर्ती व्यवस्था में बड़ा बदलाव करने जा रही है. इस बदलाव के अनुसार अब ग्रुप डी के पदों पर 12वीं से उच्चतम शैक्षिक योग्यता वाले युवा अयोग्य होंगे. इसके अलावा समान प्रकृति के कामों के लिए अब समान पदनाम, न्यूनतम शैक्षिक अर्हता व न्यूनतम मानदेय भी तय होगा.
नए प्रस्ताव को लाने का निर्देश
प्रदेश के सरकारी विभागों व उनके अधीनस्थ संस्थाओं में आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्मिकों को सेवा में रखे जाने की व्यवस्था है. काफी दिनों से कर्मचारी संगठन आउटसोर्सिंग से रखे जाने वाले कर्मियों के शोषण व उत्पीड़न के मामले लगातार सामने आ रही है. सीएम योगी ने इस व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिए थे. इसके बाद शासन के श्रम विभाग ने यूपी में नौकरी के संबंध में एक कैबिनेट प्रस्ताव 10 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष प्रस्तुतीकरण दिया. सीएम ने कैबिनेट प्रस्ताव में कई महत्वपूर्ण बदलाव के सुझाव दिए थे. उन्होंने सुझावों को शामिल कर नया प्रस्ताव लाने का निर्देश दिया.
वहीं, शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद 11 अक्टूबर को मुख्य सचिव ने इस संबंध में एक उच्चस्तरीय बैठक की. इस बैठक में नए कैबिनेट प्रस्ताव से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिन्हें अब नए प्रस्ताव में शामिल कर मंजूरी ली जाएगी.
सीएम योगी ने वेतन देने का किया ऐलान
इस नए प्रस्ताव के तहत आउटसोर्सिंग पर तैनात कर्मचारियों को सामान्तया न्यूनतम 7000 रुपये और अधिकतम 14 हजार रुपये दिया जा रहा है. कई विभागों में कार्य की प्रकृति के मुताबिक अधिक वेतन भी दिया जाता है. वहीं कुछ दिनों पहले सीएम योगी ने सीतापुर में सफाईकर्मियों को न्यूनतम वेतन की गारंटी देने का ऐलान किया है. हालांकि कई कर्मचारी संगठन चयन के वक्त न्यूनतम 18 हजार रुपये देने की मांग कर रहे हैं.