Color of soil: प्रकृति में मौजूद मिट्टी महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों में से एक है. वास्तव में यह पृथ्वी पर जीवन को कायम रखता है क्योंकि यह पौधों को उगाने के लिए आवश्यक घटक है. लेकिन हर जगह मिट्टी का स्वरूप एक जैसा नहीं है. अलग-अलग जगहों की मिट्टी के गुणो में अंतर देखने को मिलता है. इसमें सबसे बड़ा अंतर मिट्टी का रंग होता है.
वहीं कृषि विशेषज्ञ और वैज्ञानिक आदि सभी मिट्टी का वर्गीकरण रंगों के आधार पर करते हैं. लेकिन सबसे अहम बात यह है कि आखिर मिट्टी का रंग बदलता कैसे है, ऐसा क्या है जिससे मिट्टी का रंग निर्धारित होता है, क्या रंग की वजह से मिट्टी की गुण भी प्रभावित होते हैं? ऐसे कई सवाल मन में आते हैं जो जटिल प्रश्न लगते हैं लेकिन इनके जवाब काफी इंटरेस्टिंग है.
कई कारकों का प्रभाव
मिट्टी में इस विविधता के कई कारण हैं. मुख्य रूप से मिट्टी का रंग देने का प्रमुख कारण उसकी रासायनिक संरचना होती है लेकिन इस पर भी कारकों का प्रभाव होता है. मिट्टी के रंग में अंतर स्थान के कारण भी देखने को मिलता है. इनमें जलवायु परिस्थितियों जैसे तापमान, बारिश जैसे कारकों के अलावा मिट्टी के मौजूद जैविक तत्व भी उसके रंग का प्रभावित करते हैं.
लाल रंग की मिट्टी
लाल रंग की मिट्टी के बारे में आपने देखा या सुना होगा. ये मिट्टी बहुत से क्षेत्रों में पाई जाती है. मिट्टी का रंग लाल होने का कारण उसमें अमूमन आयरन ऑक्साइड की उपस्थिति की संकेत है. इसी को जंग भी कहा जाता हैं. मिट्टी जितनी अधिक लाल होती है, उतनी ही अधिक पुरानी होती है.
लाल रंग होने के और भी कारण
ऐसा नहीं है कि केवल आयरन ऑक्साइड के वजह से ही मिट्टी का रंग लाल होता है. कई जगह कोकोनीनो बलुआ पत्थर भी लाल रंग का कारण होता है, जोकि एरिजोना के सेडोना के पास की चट्टानों में मिलता है. कई बार मिट्टी लाल रंग की चट्टान से नहीं बनती, उसके बावजूद भी उसमें लाल रंग आ जाता है. वहज यह है कि उसकी धूल में मिला लोहा आक्सीकृत हो जाता है और रंग में लालिमा आ जाती है. ऐसी मिट्टी में समय के साथ आयरन ऑक्साइड की मात्रा बढ़ती जाती है और मिट्टी का रंग लाल होते रहता है.
पीला रंग की मिट्टी
कई जगहों पर पीले रंग की मिट्टी बहुत अधिक मात्रा में पाई जाती है. पीले रंग की वजह भी आयरन ऑक्साइड की मात्रा होती है. जब भी मिट्टी में आयरन ऑक्साइड की मात्रा थोड़ी कम होती है तब मिट्टी का रंग लाल होने के कारण पीला हो जाता है. इतना ही नहीं इसका अन्य विशेषताओं पर भी खास प्रभाव पड़ता है.
गहरे या काले रंग की मिट्टी
कुछ इलाकों की मिट्टी में गहरे रंग का या काले रंग के आसपास का रंग होता है. ऐसी मिट्टी में ज्यादा जैविक पदार्थ होने की मात्रा होने की संभावना होती है. जिन शीतोष्ण जलवायु में पर्याप्त वर्षा होती है वहां कि मिट्टी में ह्यूमस या खाद (मृत पौधों का विखंडित पदार्थ) होने के वजह से मिट्टी गहरे या काले रंग की होती है. ऐसी मिट्टी कृषि के लिए बहुत उपयोगी मानी जाती हैं.
सफेद मिट्टी
सफेद मिट्टी में चूना या फिर काफी नमक की मात्रा होती है. कहीं-कहीं सफेद रंग क्वार्ट्जाइट जैसे पदार्थों की वजह से भी आ जाता है. प्रायः इस तरह की मिट्टी रेगिस्तानी एरिया में देखने को मिलती है. यह मिट्टी सभी जगह ऊपरी हल्की परत के नीचे मिलती है. खेती के लिहाज से ऐसी मिट्टी बेकार मानी जाती है.