Food Safety: चॉकलेट एक ऐसी चीज़ है, जिसे आमतौर पर दुनियाभर में पसंद किया जाता है. कुछ लोग तो ऐसे भी है जो मूड खराब होने पर चॉकलेट खाना पसंद है, इससे उन्हें सुकून मिलता है. ऐसे में चॉकलेट की गुणवत्ता लोगों की संवेदनशीलता के लिए बेहद ही जरूरी है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर की फ्री-रैडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं. लेकिन इसका ज़्यादा सेवन आपकी सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकते है.
चॉकलेटों में मिले लेड और कैडमियम
चॉकलेट पर हाल ही में हुए एक अध्ययन के नतीजों ने सभी को चिंता में डाल दिया है. दरअसल, इस अध्ययन में चार दर्जन चॉकलेट उत्पादों में हानिकारक लेड औक कैडमियम की मात्रा पाई गई है. इसमें एक तिहाई खतरनाक स्तर के लेड और कैडमियम के स्तर पाए गए हैं. इतना ही नहीं, अमेरिका की सबसे बड़ी चॉकलेट निर्माता कंपनियों में से एक हर्शे को इन भारी धातुओं की मात्रा में कटौती करने तक को कहा गया है.
48 चॉकलेट उत्पादों का हुआ परीक्षण
चॉकलेट के इस अध्यन में सात श्रेणियों के 48 चॉकलेट उत्पादों का परीक्षण किया गया. जिसमें डॉर्क चॉकलेट बार, कोकोआ पाउडर, चॉकलेट चिप्स एंड मिक्सेस, ब्राउनीज और चॉकलेट केक तक शामिल हैं. जिनमें से 16 उत्पादों में सीसा और कैडमियम की मात्रा पाई गई, जो कि सेहत के बेहद ही खतनाक होता है. इससे तंत्रिका तंत्र संबंधी, प्रतिरोधी तंत्र की कमजोरी, किडनी को होने वाले नुकसान आदि जैसी कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं. वहीं, गर्भवती महिलाओं और बच्चों में यह जोखिम अधिक होता है.
इस चॉकलेट में कम पाई गई धातु
बता दें कि अधिक धातु वाले चॉकलेटों में वालमार्ट की डॉर्क चॉकलेट बार और हॉट चॉकलेट मिक्स, ड्रोस्ते और हर्शे का कोका पाउजर, टारगेट के सेमी स्वीट चॉकलेट, ट्रेडर जो, नेस्ले, और स्टारबक्स की हॉट चॉकलेट मिक्स जैसे उत्पाद शामिल हैं. वहीं, केवल मिल्क चॉकलेट बार ही ऐसा उत्पाद था जिसमें धातु की मात्रा कम पाई गई.
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