Delhi Air Pollution: राजधानी दिल्ली में लोग सांस की भीख मांग रहे हैं, ऐसा कहना गलत नहीं होगा. राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का स्तर अति गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है. आज दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 450 के पार पहुंच गया है. दिल्ली के साथ एनसीआर की हवा अपने खतरनाक स्तर पर है. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली के कक्षा 1 से 5वीं तक के स्कूलों को बंद कर दिया गया है. दो दिनों तक स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है. पूरे एनसीआर में धुंध छाई हुई है, इस वजह से दिल्ली के साथ आस पास के इलाकों में हाहाकार मचा है.
सांस के मरीजों के लिए आफत
देश की राजधानी में रहने वाले लोगों के लिए दमघोंटू हवा आफत का सबब बनी है. प्रदूषण के चलते सांस और हार्ट के मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. राजधानी में वायु प्रदूषण को रोकने के सारे इंतजाम फिलहाल फेल नजर आ रहे हैं. इस बीच पंजाब में पराली जलाने के कई मामले सामने आए है. पराली जलाने के कारण प्रदूषण स्तर में काफी बढ़ोत्तरी देखी गई है.
GRAP का तीसरा चरण लागू
जानकारी दें कि लगातार बढ़ते प्रदूषण के चलते केंद्र के प्रदूषण नियंत्रण आयोग ने राजधानी में चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (GRAP) का तीसरा चरण लागू किया. हालांकि इस बीच राजधानी वासियों का सवाल है कि इस जहरीली हवा से छुटकारा कब मिलेगा. जानकारों की मानें तो आने वाले कुछ दिनों तक देश की राजधानी में जहरीले वातावरण से छुटकारा मिलने की कोई उम्मीद जल्दी नहीं नजर आ रही है. वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर मौसम में बदलाव आया तो दमघोंटू माहौल से निजात मिल सकती है.
एक समाचार समाचार एजेंसी के अनुसार राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए और इसपर लगाम कसने के लिए वैधानिक निकाय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने वायु गुणवत्ता की स्थिति को जांचने के लिए और इससे कैसे निपटा जाए इसको लेकर एक समीक्षात्मक बैठक की. विगत 02 नवंबर को हुई इस बैठक में कहा गया कि 2 नवंबर की सुबह 10 बजे से दिल्ली का एक्यूआई तेजी के साथ बढ़ रहा है. 02 नवंबर की शाम को दिल्ली का औसत एक्यूआई 402 था, जो वायु गुणवत्ता सूचकांक का सबसे खतरनाक स्तर है. वहीं, ये आंकड़ा आज 450 को भी पार कर गया.
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