Subrata Roy का स्कूटर से प्लेन तक का सफर, जानिए सहारा श्री की दिलचस्प कहानी
सहारा इंडिया के प्रमुख सुब्रत रॉय का मंगलवार देर रात 75 साल की आयु में मुंबई के एक निजी अस्पताल में आखिरी सांस ली. वह काफी दिनों से बीमार चल रहे थे.
आज, 15 नवंबर 2023 को लखनऊ के सहारा स्टेट में लाया जाएगा, जहां उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी जाएगी.
सहारा श्री के निधन से न केवल बिजनेस जगत बल्कि खेल और मनोरंजन जगत को भी गहरा सदमा लगा है. राजनेताओं से लेकर बिजनेसमैन और बॉलीवुड हस्तियों तक सभी ने उनके निधन पर शोक जताया है. आइए आपको बताते हैं सहारा श्री की कहानी
सुब्रत रॉय का जन्म 10 जून, 1948 को बिहार के अररिया जिले में हुआ. उनके पिता का नाम सुधीर चंद्र रॉय और माता का नाम छवि रॉय था.
कोलकाता में शुरुआती शिक्षा लेने के बाद उन्होंने गोरखपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. सुब्रत रॉय ने अपना पहला कारोबार गोरखपुर से ही शुरू किया.
गोरखपुर में स्कूटर पर नमकीन स्नैक्स बेचने से लेकर सहारा एयरलाइन्स तक का उनका सफर रोमांचक ही नहीं प्रेरणा देने वाला भी है. आइए बताते हैं सुब्रत राय कैसे बने सहारा श्री.
छोटे शहर से बिजनेस शुरू करने वाले इस शख्स ने 36 साल में दुनिया भर में अपना कारोबार फैलाया. कहा जाता है कि 1978 में सहारा की शुरुआत के समय सुब्रत रॉय की जेब में महज 2,000 रुपये थे.
सुब्रत रॉय भारत के प्रमुख कारोबारी और सहारा इंडिया परिवार के फाउंडर थे. इसलिए उन्हें 'सहाराश्री' के नाम से भी जाना जाता था.
सुब्रत रॉय की कुछ स्कीम गलियों-गलियों तक मशहूर हो गई. लाखों की संख्या में लोग सहारा के साथ जुड़ते चले गए. हालांकि साल 1980 में सरकार ने इस स्कीम पर रोक लगा दी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका के न्यूयार्क शहर में इनके 4400 करोड़ के दो आलीशान होटल, मुंबई के एबीवैली में 313 एकड़ का डेवलपमेंट साइट, मुंबई के बरसोवा में 113 एकड़ की जमीन है.
लखनऊ के गोमतीनगर में सुब्रत ने 170 एकड़ जमीन पर अपना पूरा शहर बसा डाला. देश के अलग-अलग हिस्सों में उनके पास 764 एकड़ की जमीन है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नियमों के उल्लघंन मामले में सहारा पर 12000 करोड़ का जुर्माना लगाया गया. सेबी ने जब सहारा से निवेशकों के डिटल और दस्तावेज मांगे तो सहारा की ओर से 127 ट्रक डॉक्यूमेंट भेजे गए.
इन ट्रकों के कारण मुंबई के बाहरी इलाके में ट्रैफिक जाम लग गया. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया. सुप्रीम कोर्ट ने सहारा को निवेशकों के पैसे 15 प्रतिशत ब्याज के साथ 24000 करोड़ रुपए लौटाने का निर्देश दिया.
सेबी ने आरोप लगाए कि सहारा ने अपनी दोनों कंपनियों के 3 करोड़ निवेशकों ने 24000 करोड़ रुपये जुटाए जबकि इनकी कंपनियां शेयर बाजार में लिस्टेड नहीं थी.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने पर फरवरी 2014 में सुब्रत रॉय को गिरफ्तार कर लिया गया. दो साल जेल में रहने के बाद वो पेरोल पर बाहर आए.पत्नी और बच्चे ने भारत को छोड़ दिया.