Subrata Roy के निधन के बाद Sahara का क्या होगा, SEBI चीफ ने दिया जवाब?
SEBI Update: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने कहा कि सहारा के संस्थापक सुब्रत रॉय के निधन के बाद भी पूंजी बाजार नियामक सहारा ग्रुप के खिलाफ मामला जारी रखेगा.
सहारा समूह के संस्थापक सुब्रत रॉय का 75 वर्ष की उम्र में मंगलवार को निधन हो गया था. वह लंबे समय से बीमार थे. उन्होंने कहा कि सेबी के लिए यह मामला एक इकाई के आचरण से जुड़ा है और यह जारी रहेगा चाहे कोई व्यक्ति जीवित हो या नहीं.
रिफंड बेहद कम होने के सवाल पर बुच ने कहा कि पैसा निवेशकों के जरिए किए गए दावों के सबूत के आधार पर सुप्रीम कोर्ट के जरिए नियुक्त समिति के जरिए वापस किया गया है.
सहारा श्री के निधन से न केवल बिजनेस जगत बल्कि खेल और मनोरंजन जगत को भी गहरा सदमा लगा है. राजनेताओं से लेकर बिजनेसमैन और बॉलीवुड हस्तियों तक सभी ने उनके निधन पर शोक जताया है. आइए आपको बताते हैं सहारा श्री की कहानी
सेबी ने 2011 में सहारा समूह की 2 कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड को वैकल्पिक रूप से पूर्ण परिवर्तनीय बांड के रूप में पहचाने जाने वाले कुछ बांडों के जरिए करीब 3 करोड़ निवेशकों से जुटाए गए धन को वापस करने का आदेश दिया था.
नियामक ने आदेश में कहा था कि दोनों कंपनियों ने उसके नियमों और विनियमों का उल्लंघन करके धन जुटाया था. लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2012 को सेबी के निर्देशों को बरकरार रखा.
दोनों कंपनियों को निवेशकों से एकत्र धन 15 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस करने को कहा था. इसके बाद सहारा को निवेशकों को धन लौटाने के लिए सेबी के पास अनुमानित 24,000 करोड़ रुपये जमा करने को कहा गया.
हालांकि, समूह लगातार ये कहता रहा कि उसने पहले ही 95 प्रतिशत से अधिक निवेशकों को प्रत्यक्ष रूप से भुगतान कर दिया है. पूंजी बाजार नियामक की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार भी है.
रिपोर्ट के तहत भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने सहारा समूह की दो कंपनियों के निवेशकों को 11 वर्षों में 138.07 करोड़ रुपये वापस किए. इस बीच पुर्नभुगतान के लिए विशेष रूप से खोले गए बैंक खातों में जमा राशि बढ़कर 25,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है.
सहारा की दो कंपनियों के अधिकतर बॉन्डधारकों ने इसको लेकर कोई दावा नहीं किया और कुल राशि पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में करीब सात लाख रुपये बढ़ गई, जबकि सेबी-सहारा पुनर्भुगतान खातों में इस दौरान शेष राशि 1,087 करोड़ रुपये बढ़ गई.
वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, सेबी को 31 मार्च, 2023 तक 53,687 खातों से जुड़े 19,650 आवेदन प्राप्त हुए. इनमें से "48,326 खातों से जुड़े 17,526 आवेदनों के लिए 138.07 करोड़ रुपये की कुल राशि लौटाई गई, जिसमें 67.98 करोड़ रुपये की ब्याज राशि भी शामिल है."
शेष आवेदन सहारा समूह की दोनों कंपनियों के जरिए उपलब्ध कराई जानकारी के जरिए उनका कोई पता नहीं लग पाने के कारण बंद कर दिए गए.
सेबी ने आखिरी अपडेट जानकारी में 31 मार्च 2022 तक 17,526 आवेदनों से संबंधित कुल राशि 138 करोड़ रुपये बताई थी. सेबी के अनुसार, 31 मार्च 2023 तक राष्ट्रीयकृत बैंकों में जमा कुल राशि करीब 25,163 करोड़ रुपये है.