26/11 Mumbai Attack: भारत पर सबसे बड़े आतंकी हमले को आज 15 साल हो गए है, लेकिन लोगों के जेहन में अभी भी उस खौफनाक मंजर की यादें बसी हुई हैं. इस काले दिन को भुलकर भी भुलाया नहीं जा सकता है. जब भी 26 नवंबर का दिन आता है तब नीतेश की यादें ताजा हो जाती हैं. इसी दिन मुंबई आंतकी हमले (26/11 Mumbai Attack) में सीने में गोली लगने से हाथरस के चंदपा निवासी नीतेश की मौत हो गई थी. आज भले ही नीतेश इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसकी यादें आज भी बाकी हैं. नीतेश के बाबा ने उनके याद में चंपा का पौधा लगाया था जो कि आज भी हरा भरा है.
इंडियन नेवी में थे पिता
चंदपा गांव निवासी नीतेश के चाचा कालीचरण बताते हैं कि उनके भाई विजय कुमार शर्मा इंडियन नेवी में थे और 26/11 के समय मुंबई में तैनात थे. उस समय उनका बेटा नीतेश 16 वर्ष का था. जिस समय आतंकी हमला हुआ, उस समय वह पिता विजय कुमार शर्मा और मां को ट्रेन में बैठाने मुंबई स्थित बीटी स्टेशन आया था. जब वह स्टेशन से लौट रहा था तभी अचानक आतंकी हमला हो गया.
आतंकी हमले में सीने में लगी थी गोली
उस आतंकी हमले में एक गोली नीतेश कुमार के सीने में जा लगी. गोली लगने से उसकी मौत हो गई थी. मौत की खबर मिलते ही घर-परिवार और गांव में मातम पसर गया. नीतेश की मौत का दुख आज भी है. बाबा धनपाल ने अपनी नाती की याद में घर में ही एक चंपा का पौधा लगाया था. हालांकि, बाबा धनपाल भी अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन वह पौधा आज भी हरा भरा है. उस पौधे को देखकर नीतेश की याद आ जाती है. नीतेश के चाचा कहते हैं कि जब 26/11 का दिन हर बार दिल में टीस देता है. नीतेश की याद में लगा चंपा का पौधा अब बड़ा हो गया है.
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