UP Caste Census: उत्तर प्रदेश विधान सभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है. ये शीतकालीन सत्र एक हफ्ते का होगा. इस सत्र में जातिगत जनगणना का मुद्दा जोर शोर से उठ सकता है. इस बीच अपना दल (कमेरावादी) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और सिराथू की सपा विधायक पल्लवी पटेल ने इस सत्र में पेश करने के लिए जातिगत जनगणना के लिए एक असरकारी विधेयक पेश किया है. इस विधेयक को विधान सभा सचिवालय को उपलब्ध करा दिया गया है. माना जा रहा है कि इस सत्र के दौरान इस विधेयक को सदन की पटल पर रखा जा सकता है.
इस विधेयक को उत्तर प्रदेश जातिवार जनगणना विधेयक, 2023 के नाम से पेश किया जा सकता है. जानकारी दें कि इस विधेयक को विधायी दृष्टि से परीक्षण के लिए विधायी विभाग को भेजा है. इस विधेयक में कहा गया है कि राज्य सरकार की तरफ से राज्य में हर 10 साल पर जातिगत जनगणना कराई जाए.
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आपको बता दें कि इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य है कि इस जनगणना के माध्यम से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग की कुल जनसंख्या का व्योरा उपलब्ध कराया जाय. वहीं, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग इन आंकड़ों पर विशेष विश्लेषण करेगा और प्रदेश सरकार को अलग अलग जातियों के सामाजिक-आर्थिक आधार पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा.
उल्लेखनीय है कि इस जातिगत जनगणना में व्यक्ति का नाम, उसके पिता या पति का नाम, पता, लिंग, आयु, धर्म, जाति, शैक्षिक योग्यता, व्यवसाय और वार्षिक आय के बारे में जानकारी एकत्र की जानी है. इस जातिगत जनगणना में इस बात का भी जिक्र किया जाना है कि अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर अगर गलत जानकारी देता है तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी और दो साल की जेल के साथ पांच हजार रुपये तक का जुर्माना भी लग सकता है.
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