Successful Rescue Operation Uttarkashi Tunnel Accident: 17 दिनों बाद उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल से बड़ी खुशखबरी सामने आई है. सुरंग के भीतर फंसे मजदूरों को बाहर निकालने का काम पूरा हो गया है. इसके लिए पिछले 17 दिनों से लगातार रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा था. ऐसे में एक एक कर के मजदूरों को बाहर निकाला गया.
प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में 12 नवंबर से सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे सभी 41 मजदूरों को सफलतापूर्वक बाहर निकाला गया.
एंबुलेंस के साथ चिकित्सकों की टीम सुंरग के भीतर गई. वहां, एनडीआरएफ के जवान पाइप की मदद से मजदूरों को निकाला. एनडीआरफ, एसडीआरफ, आटीबीपी के जवान, स्थानीय प्रशानस की मुस्तैदी रही.
#UPDATE उत्तराखंड में 12 नवंबर से सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों में से 5 मजदूर को सफलतापूर्वक बाहर निकाला गया।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 28, 2023
फिलहाल सभी मजदूर सिल्कयारा टनल के अंदर सेफ्टी टनल में हैं। https://t.co/tIkXMH83rY
बचाव कार्य में लगे एक कर्मी ने बताया, “अब तक 7 मजदूरों को बाहर निकाला जा चुका है. अब मजदूरों का आना जाना सरल हो चुका है. सभी बहुत खुश हैं.”
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पीएम मोदी ने किया ट्वीट
रेस्क्यू टीम को मिली कामयाबी की पीएम मोदी ने सराहना की है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “उत्तरकाशी में हमारे श्रमिक भाइयों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है टनल में जो साथी फंसे हुए थे, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है. मैं आप सभी की कुशलता और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं. यह अत्यंत संतोष की बात है कि लंबे इंतजार के बाद अब हमारे ये साथी अपने प्रियजनों से मिलेंगे. इन सभी के परिजनों ने भी इस चुनौतीपूर्ण समय में जिस संयम और साहस का परिचय दिया है, उसकी जितनी भी सराहना की जाए वो कम है. मैं इस बचाव अभियान से जुड़े सभी लोगों के जज्बे को भी सलाम करता हूं. उनकी बहादुरी और संकल्प-शक्ति ने हमारे श्रमिक भाइयों को नया जीवन दिया है. इस मिशन में शामिल हर किसी ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम की है.”
पहले अस्पताल जाएंगे मजदूर
जानकारी दें कि मजदूरों के बाहर आने के साथ ही सबसे पहले श्रमिकों की वाइटल पैरामीटर्स की जांच की जाएगी. अस्पताल में श्रमिकों की बीपी, हार्ट बीट, सुगर के स्तर को परखा जाएगा. उस बात की भी जांच की जाएगी कि किसी मजदूर को हाइपरटेंशन तो नहीं है. दरअसल, इतने दिनों से फंसे होने के कारण उनके भीतर एंजाइटी का स्तर बढ़ सकता है. अगर किसी मजदूर में एंजाइटी का स्तर बढ़ा हुआ होगा तो उसे पहले कम करने का काम किया जाएगा.