Air India की बढ़ेगी ताकत, 97 तेजस विमान और 150 प्रचंड हेलीकॉप्टर्स की खरीद को मिली मंजूरी

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Defence Council: भारत सरकार ने गुरुवार को सशस्त्र बलों की समग्र लड़ाकू क्षमता को बढ़ावा देने के लिए बड़े फैसले किए है. दरअसल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की अहम बैठक हुई. इस दौरान हुए कई अहम प्रस्तावों को प्रारंभिक मंजूरी दी गई. इस मेगा खरीद परियोजनाओं और सुखोई-30 उन्नयन कार्यक्रम से सरकारी खजाने पर 1.3 लाख करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है. हालांकि रक्षा मंत्रालय जल्द ही डीएसी से मंजूर परियोजनाओं की जानकारी सार्वजनिक करेगा.


150 प्रचंड हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की खरीद को  मिली मंजूरी

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, डीएसी ने भारतीय वायु सेना के लिए 97 तेजस हल्के लड़ाकू विमानों के अतिरिक्त बैच की खरीद को मंजूरी दे दी है. इतना ही नहीं करीब 150 प्रचंड हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की खरीद को भी मंजूरी दी गई है. वहीं, रक्षा अधिग्रहण परिषद ने भारतीय वायु सेना के सुखोई-30 लड़ाकू विमान उन्नयन कार्यक्रम को मंजूरी दी है.

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Defence Council: 2024 में शामिल होंगे 83 तेजस जेट

आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना पहले से ही तेजस एमके1 जेट के दो स्क्वाड्रन का संचालन कर रही है, जिसमें प्रारंभिक और अंतिम ऑपरेशनल क्लीयरेंस वेरिएंट के 20-20 स्क्वाड्रन शामिल हैं. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली सुरक्षा पर कैबिनेट समिति से मंजूरी के बाद, 83 एलसीए एमके1ए वेरिएंट के लिए 6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का ऑर्डर फरवरी 2021 में एचएएल को दिया गया था, जिनकी 2024 तक डिलीवरी हो सकती है. इनका उपयोग 1960 के सोवियत काल के मिग-21एस की जगह किया जाएगा. 83 तेजस खरीदने के लिए 46,898 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट किया गया है और अब एयरफोर्स 97 और तेजस जेट विमान खरीदने की योजना बना रही है. प्रोपोजल को मंजूरी मिलने के बाद 180 तेजस जेट शामिल हो जाएंगे. 

वायु सेना का महत्वपूर्ण हिस्सा होगा तेजस

दरअसल, 83-जेट ऑर्डर में LCA Mk1A के सात ट्रेनर वेरिएंट भी शामिल थे. इस तरह तेजस विमान का यह सेट भारतीय वायुसेना के कम से कम चार लड़ाकू स्क्वाड्रनों को हथियारों से लैस करने के लिए पर्याप्त होगा. 97 तेजस जेट खरीदने के बाद ये अतिरिक्त तेजस विमान अन्य पांच लड़ाकू स्क्वाड्रन के लिए पर्याप्त होंगे. इस प्रकार तेजस आने वाले वर्षो में भारतीय वायुसेना की लड़ाकू ताकत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाएगा, जिसमें 42 स्वीकृत लड़ाकू स्क्वाड्रनों में से कम से कम 10 स्क्वाड्रन स्वदेशी लड़ाकू जेट का संचालन करेंगे.

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