Madhya Pradesh Election Results: मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी प्रचंड वोटों से जीतती हुई दिख रही है. दोपहर 3 बजे तक के नतीजों के मुताबिक मध्य प्रदेश में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी सत्ता में वापस आती दिख रही है. भाजपा की जीत ने राजनीतिक विश्लेषकों को जबर्दस्त तरीके से चौंका दिया है. आइए जानते हैं कि आखिर मध्य प्रदेश में बीजेपी जीत के पीछे की सबसे बड़ी वजह क्या है?
गौरतलब है कि कमलनाथ के मुकाबले शिवराज पूरे राज्य में पॉपुलर लीडर के तौर दिखाई दिए. पार्टी में शिवराज के खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं दिखाई दी. इसके बावजूद भाजपा ने अपने सभी पोस्टर्स-बैनर में पीएम मोदी के चेहरे को ही प्रमुखता दी. लेकिन मध्य प्रदेश में बीजेपी की प्रचंड जीत हर किसी को सोचने को मजबूर कर दे रहा है. कि क्या धर्म-हिन्दुत्व का दांव काम किया है या शिवराज मामा की लाडली बहना योजना ने महिला वोटरों को अपने खेमे में लिया है. आइए समझते हैं पूरा राजनीतिक समीकरण…
क्या लाडली योजना ने दिखाया कमाल?
बता दें कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नेे प्रदेश की एक करोड़ 31 लाख महिलाओं को लाडली बहना योजना के तहत हर महीने 1250 रुपए दिए. वहीं, चुनावी प्रचार-प्रसार के दौरान इसे बढ़ाकर 3 हजार रुपये तक करने की भी घोषणा की गई. ऐसे में चुनावी आकड़ों के अनुसार एक नजरिए से देखा जाए तो कहीं ना कहीं लाडली बहना योजना का लाभ बीजेपी को मिला है. एमपी की महिलाओं ने इसी योजना की बदौलत शिवराज सरकार के पक्ष में बढ़-चढ़कर मतदान किया. जिसने एमपी के चुनावी समीकरण को बदल दिया है.
कांग्रेस के ओवर कॉन्फिडेंस ने ले डूबा
इसके अलावा लाडली लक्ष्मी योजना, कन्यादान योजना और आयुष्मान योजना ने भी कहीं ना कहीं बीजेपी के लिए वरदान साबित हुई है. खास बात यह है कि इन सभी योजनाओं का लाभ डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर कर लाभार्थी को मिला. जिससे लाभार्थी के अंदर जो करंट क्रिएट हुआ, उसे कांग्रेस समझ नहीं पाई और जो कांग्रेस के अंदर भरोसा था कि शिवराज सरकार के खिलाफ जनता में जो एंटी इनकंबेंसी पनप रही है वो उसे आसानी से सत्ता में ला देगी. शायद इसी ओवर कॉन्फिडेंस ने कांग्रेस को ले डूबा और मध्य प्रदेश में बीजेपी पुनः सत्ता पर काबिज हो गई.
धर्म-हिन्दुत्व भी कर गया काम
बीजेपी सरकार द्वारा तमाम हिन्दू धार्मिक स्थलों को आध्यात्मिकता के साथ साथ आधुनिकता का कलेवर देने पर रहा है. जिसका उदाहरण महाकाल कॉरिडोर भी है. इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के चार प्रमुख मंदिरों सलकनपुर में देवीलोक, ओरछा में रामलोक, सागर में रविदास स्माकर और चित्रकूट में दिव्य वनवासी लोक के विस्तार और स्थापना के लिए 358 करोड़ रुपये का बजट दिया है. इन सभी योजनाओं ने कहीं ना कहीं प्रदेश में हिंदूत्व के पक्ष में माहौल बनाया, जिसका सीधा फायदा बीजेपी को मिला. इस वजह से मध्य प्रदेश में बीजेपी की प्रंचड जीत के पीछे कहीं ना कहीं हिंदुत्व के पक्ष में माहौल भी माना जा रहा है.
आदिवासी वर्ग को साधने की कोशिश
मध्य प्रदेश में आदिवासियों के लिए 47 सीटें आरक्षित हैं. पिछले 2018 के चुनाव में यहां कांग्रेस 31 सीटें जीतने में कामयाब रही. वहीं बीजेपी को मात्र 16 सीटें ही मिली थी. वहीं, इसको देखते हुए शिवराज सिंह चौहान ने आदिवासी वर्ग के लिए योजनाओं की झड़ी लगा दी. बिरसा मुंडा जयंती, रानी कमलापति के नाम से भोपाल के हबीबगंज स्टेशन का नाम, टंट्या भील चौराहा, आदिवासी पंचायतों में पेसा एक्ट लागू करने जैसी योजनाओं पर सीएम शिवराज ने विशेष फोकस किया. वहीं, कांग्रेस इसे परंपरागत सीट समझते हुए विशेष फोकस नहीं कर पाई और कांग्रेस की यही ओवर कॉन्फिडेंस कहीं ना कहीं हार का वजह बनी.
कांग्रेस के हार की वजह
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के हार की सबसे बड़ी वजह कहीं ना कहीं उसके खुद की ओवर कॉंफिंडेंस मानें जा रहे हैं. चुकि कमलनाथ और दिग्गविजय सिंह की जोड़ी ने शुरुआती तौर पर तो कांग्रेस को बहुत बढ़त दिलाई. वहीं, कांग्रेंस जो सर्वे भी करवाए उनमें लगातार कांग्रेस की प्रचंड जीत की बात की जाती रही. इसके चलते कांग्रेस वोटरों के साथ कनेक्ट होने की जगह ऊपरी तौर पर सक्रिय नजर आई. वहीं, बीजेपी फीडबैक के आधार पर लगातार अपने प्रदर्शन में सुधार करने में लगी हुई थी. जिसके चलते प्रदेश में बीजेपी प्रचंड जीत के साथ सरकार बनाती नजर आ रही है.
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कांग्रेस के हार की वजह
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के हार की सबसे बड़ी वजह कहीं ना कहीं कहीं उसके खुद की ओवर कॉंफिंडेंस मानें जा रहे हैं. चुकि कमलनाथ और दिग्गविजय सिंह की जोड़ी ने शुरुआती तौर पर तो कांग्रेस को बहुत बढ़त दिलाई. वहीं, कांग्रेंस जो सर्वे भी करवाए उनमें लगातार कांग्रेस की प्रचंड जीत की बात की जाती रही. इसके चलते कांग्रेस वोटरों के साथ कनेक्ट होने की जगह ऊपरी तौर पर सक्रिय नजर आई. वहीं, बीजेपी फीडबैक के आधार पर लगातार अपने प्रदर्शन में सुधार करने में लगी हुई थी. जिसके चलते प्रदेश में बीजेपी प्रचंड जीत के साथ सरकार बनाती नजर आ रही है.