वैश्विक मंचों पर तेजी से बढ़ रहा भारत का प्रभाव- नैसकॉम प्रेसिडेंट Debjani Ghosh ने की PM मोदी की तारीफ

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Incredible India to Inevitable India: वैश्विक मंच पर भारत की मौजूदगी अब भारतीयों को गौरवान्वित करती है. भारत ने 2000 के दशक की शुरुआत में, विश्व स्तर पर प्रशंसित पर्यटन अभियान, “इनक्रेडिबल इंडिया” का अनावरण किया था. वर्तमान समय में यह तेजी से आगे बढ़ रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत न सिर्फ आर्थिक रूप से तेजी से आगे बढ़ रहा है, बल्कि अपने प्रयासों और नवाचार के साथ वैश्विक महाशक्ति बनने को भी अग्रसर है. एक गैर-लाभकारी इंडस्ट्री एसोसिएशन नैसकॉम की प्रेसिडेंट देबजानी घोष ने अमेरिका और यूरोप की अपनी यात्राओं का अपना अनुभव बयां किया.

उन्‍होंने एक संक्षिप्‍त लेख में बताया कि आज दुनिया भर में भारत को किस तरह से देखा जा रहा है. वैश्विक मंच पर भारत की अजेय वृद्धि पर लिखे गए देबजानी घोष के आलेख को प्रधानमंत्री मोदी ने रीट्वीट किया. पीएम मोदी ने कहा, ‘देबजानी घोष बताती हैं आज दुनिया भर में भारत को किस तरह से देखा जा रहा है. हम अपने प्रयासों और नवाचार के साथ, ‘इनेविटेबल इंडिया’ को वास्तविकता में बदल देंगे!’ देबजानी ने पीएम मोदी की सराहना करते हुए लिखा- “पीएम मोदी, आपके प्रेरक दृष्टिकोण और नेतृत्व के लिए धन्यवाद…जो अनिवार्य भारत” की दिशा तय करता है.

मेरी अमेरिका और यूरोप की हाल की यात्राओं में, वैश्विक मंच पर भारत की अजेय वृद्धि को प्रत्यक्ष रूप से देखना अचरज से कम नहीं था, भारत की “इनक्रेडिबल इंडिया” से ‘इनेविटेबल इंडिया’ तक की प्रेरक यात्रा..और इसके रणनीतिक महत्व पर मैंने अपने विचार साझा किए हैं.” देबजानी घोष लिखती हैं, ‘उत्तरी अमेरिका, यूरोप और वैश्विक दक्षिण की सरकारों से लेकर दुनिया भर के वैश्विक सीईओ तक, गठबंधनों और रणनीतिक साझेदारियों पर चर्चा में ‘इंडिया’ का नाम सबसे आगे है. ऐसी दुनिया में जहां देश और संगठन रणनीतिक रूप से अपने भविष्य के प्रक्षेप पथों का मानचित्रण कर रहे हैं, भारत न केवल एक विकल्प के रूप में उभरा है, बल्कि एक अनिवार्यता, हमारे साझा वैश्विक भाग्य की उभरती कहानी में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में भी उभरा है.

गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि भारत 2075 तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. फाइनेंशियल टाइम्स के मार्टिन वुल्फ का अनुमान है कि 2050 तक, भारत की क्रय शक्ति अमेरिका से 30% अधिक हो जाएगी, जो अपरिहार्यता की आभा में और योगदान देगी. तेजी से भारत ब्रांड का पर्याय बनता जा रहा है. बकौल देबजानी, ”प्रौद्योगिकी के चश्मे से देखने पर, ‘इनेविटेबल इंडिया’ का विचार न केवल एक स्पष्ट विकल्प बन जाता है, बल्कि एक सम्मोहक विकल्प भी बन जाता है. मेरा विश्वास केवल राष्ट्रीय गौरव से प्रेरित नहीं है, हालाँकि यह भावना निर्विवाद रूप से मजबूत है. इसके बजाय, यह उन महत्वपूर्ण बदलावों की समझ से उपजा है जो वैश्विक परिदृश्य को नया आकार दे रहे हैं और इनमें से प्रत्येक परिवर्तन में भारत की अद्वितीय स्थिति है.

यदि डिजिटल ट्रांजशिन के बारे में बात करें, एक आदर्श बदलाव जो राष्ट्रों और उद्योगों को फिर से आकार देने से परे है – यह प्रतिस्पर्धा के नियमों का पूर्ण पुनर्लेखन है. भारत की उल्लेखनीय यात्रा देश के प्रत्येक नागरिक को एक अद्वितीय राष्ट्रीय ID आधार प्रदान करने की हमारी खोज से शुरू हुई. अब लगभग 1.4 अरब लोगों के हाथों में डिजिटल ID होने से, जो प्रतिदिन लगभग 80 मिलियन लेनदेन के लिए इसका उपयोग करते हैं, भारत ने वास्तव में समावेशी डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए एक मजबूत नींव स्थापित की है.” इंडिया स्टैक ने डिजिटल समावेशन के लिए अच्छा काम किया है और AI के लिए एक सैद्धांतिक दृष्टिकोण देश को एक और वैश्विक परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका दे सकता है.

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