Mahaparinirvan Diwas 2023: भारतीय संविधान के शिल्पकार कहे जाने वाले डॉ. भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर बीएसपी चीफ मायावती ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. मायावती ने परिनिर्वाण दिवस पर डॉ. भीमराव आंबेडकर को श्रद्धा-सुमन अर्पित किया साथ में भाजपा की सरकार पर निशाना साधते हुए गरीबों की दुर्दशा के लिए अपनी मांग रखी है. मायवती ने कहा कि कल्याणकारी संविधान बनाते समय बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने ऐसा नहीं सोचा था कि देश के 81 करोड़ लोगों को अन्न के लिए भी तरसना पड़ेगा.
जानिए क्या बोलीं मायावती
जानकारी दें कि डॉ. भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर मायावती ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया. इस दौरान उन्होंने लिखा, “लगभग 140 करोड़ की विशाल आबादी वाले भारत के ग़रीबों, मज़दूरों, दलितों, आदिवासियों, अतिपिछड़ों सहित उपेक्षित बहुजनों के मसीहा व देश के मानवतावादी समतामूलक संविधान के निर्माता भारतरत्न परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को आज उनके परिनिर्वाण दिवस पर अपार श्रद्धा-सुमन अर्पित”
1. लगभग 140 करोड़ की विशाल आबादी वाले भारत के ग़रीबों, मज़दूरों, दलितों, आदिवासियों, अतिपिछड़ों सहित उपेक्षित बहुजनों के मसीहा व देश के मानवतावादी समतामूलक संविधान के निर्माता भारतरत्न परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को आज उनके परिनिर्वाण दिवस पर अपार श्रद्धा-सुमन अर्पित।
— Mayawati (@Mayawati) December 6, 2023
आगे उन्होंने लिखा, “किन्तु देश के 81 करोड़ से अधिक ग़रीब लोगों को पेट पालने के लिए सरकारी अन्न के मोहताज का जीवन बना देने जैसी दुर्दशा ना यह आज़ादी का सपना था और ना ही उनके लिए कल्याणकारी संविधान बनाते समय बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने सोचा था, यह स्थिति अति-दुःखद. देश में रोटी-रोज़ी के अभाव एवं महंगाई की मार के कारण आमदनी अठन्नी भी नहीं पर खर्चा रुपया होने के कारण गरीब, मजदूर, छोटे व्यापारी, किसान, मध्यम वर्ग सहित सभी मेहनतकश समाज की हालत त्रस्त व चिन्तनीय, जबकि संविधान को सही से लागू करके उनकी हालत अब तक काफी संवर जानी चाहिए थी.”
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