Amit Shah on Jammu Kashmir: संसद के शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन है. आज मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर में कश्मीरियों को इंसाफ देने के लिए संसद में 2 विधेयक पेश किए हैं. इस विधेयक पर बोलते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ‘कश्मीरियों की चिंता किसी ने नहीं की. उन्हें अब न्याय देने का वक्त है. यह काम मोदी सरकार कर रही है.
बता दें कि संसद में गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन और आरक्षण बिल पर जवाब दे रहे हैं. उन्होनें कहा कि पीएम मोदी ऐसे नेता हैं जो गरीब और पिछड़ों का दर्द जानते हैं. 80 के दशक के बाद आतंकवाद का दौर आया जो कि भयावह था. जो पीढ़ियों से रहते थे, उनकी परवाह नहीं की गई और जिनको परवाह करना था वो लंदन में VACATION मना रहे थे.
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक पर चर्चा करते हुए अमित शाह ने कहा कि यह बिल लोगों को न्याय दिलाने के लिए है. इस बिल के जरिए आतंकवाद की भयावह त्रासदी झेले लोगों को मजबूती मिलेगी. नए बिल के जरिए जम्मू क्षेत्र में 37 से बढ़ाकर 43 और कश्मीर क्षेत्र में 46 से 47 विधानसभा की सीटें कर दी गई हैं.
70 सालों से अन्याय सहते आ रहे कश्मीरी
गृह मंत्री अमित शाह संसद के शीतकालीन सत्र में कश्मीरी विस्थापितों की बात करते हुए कहा, ‘ये बिल उनको अधिकार देने का है, उनको प्रतिनिधित्व देने का बिल है. जो पिछले 70 सालों से अपने देश में ही लगातार अन्याय सहते आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक उन सभी लोगों को न्याय दिलाने के लिए लाया गया है जिनकी 70 साल तक अनदेखी की गई और जिन्हें अपमानित किया गया.’
जानिए कश्मीरी पंडितों को लेकर क्या कहा
अमित शाह ने कहा, “करीब 46,631 परिवार और 1,57,967 लोग जम्मू कश्मीर से देशभर में विस्थापित होने को मजबूर हुए, उन्हें न्याय दिलाने के लिए सरकार विधेयक लाई है. उन्होंने कहा, अगर वोट बैंक के बारे में सोचे बिना शुरुआत में ही आतंकवाद से निपटा जाता तो कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़कर नहीं जाना पड़ता. आगे उन्होंने कहा- कुछ लोगों ने इसे कम आंकने की भी कोशिश की. मैं उन सभी से कहना चाहूंगा कि अगर हमारे अंदर थोड़ी सी भी सहानुभूति है तो हमें देखना होगा कि नाम के साथ सम्मान जुड़ा हुआ है.”
राहुल गांधी पर साधा निशाना
संसद में गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोगों को भाषण लिखकर दे दिया जाता है और वो एक ही भाषण को बार-बार छह महीने तक पढ़ते रहते हैं. वो इतिहास नहीं देखते हैं. पिछड़ा वर्ग आयोग को 70 वर्षों से संवैधानिक मान्यता नहीं दी, नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक मान्यता दी. इतना ही नहीं मोदी की सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों को 10 प्रतिशत आरक्षण भी दिया. उन्होंने कहा, “काका कालेलकर की रिपोर्ट को रोक कर रखा. मंडल कमीशन की रिपोर्ट को लागू नहीं किया और जब लागू करने की बात हुई तो राजीव गांधी ने इसका विरोध किया. पिछड़े वर्ग का सबसे बड़ा विरोध कांग्रेस पार्टी ने किया है.
महबूबा मुफ्ती पर भी साधा निशाना
पीडीपी सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘लोग कहते थे कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया तो खून की नदियां बह जाएंगी. खून की नदियां तो छोड़िएं, वहां पर किसी की अब किसी की पत्थर चलाने की हिम्मत नहीं है. ऐसी व्यवस्था की है हमने.
नेहरू ने की कई गलतियां
गृह मंत्री ने कहा कि नेहरू से कई बड़ी गलतियां हुई. जब कश्मीर में भारतीय फौजें जीत हासिल करती हुई आगे बढ़ रही थी तो वे युद्धविराम के लिए यूएन में चले गए. इस गलती की वजह से पीओके हमारे देश का हिस्सा बनते बनते रह गया. ‘मेरा मानना है कि युद्धविराम के लिए यूएन में जाना ही नहीं चाहिए था. अगर नेहरू गए भी तो उन्हें यूएन चार्टर की सही धारा के तहत इस मामले को उठाना चाहिए थे. नेहरु सरकार की यह गलती नहीं बल्कि ब्लंडर था, जिसका नुकसान आज तक देश भुगत रहा है.
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