Investors Summit में बोले पीएम मोदी, देवभूमि पर करें डेस्टिनेशन वेडिंग, देश में चलाएं ‘वेड इन इंडिया मूवमेंट’

Abhinav Tripathi
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Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Uttarakhand Investors Summit 2023: देवभूमि उत्तराखंड में शुक्रवार को दो दिवसीय उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की शुरुआत हुई. इस समिट का उद्घाटन पीएम नरेंद्रे मोदी ने किया. कार्यक्रम की शुरुआत में उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पीएम मोदी का स्वागत किया. इस समिट में देश विदेश के तमाम उद्योगपतियों ने शिरकत की. उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कई बातों को कहा. पीएम ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि कुछ वर्ष पहले जब मैं बाबा केदार के दर्शन के लिए निकला था अचानक मेरे मुंह से निकला था की 21वीं सदी का यह तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक है.

विदेशों में नहीं भारत में करें शादी
देश में बढ़ रही डेस्टिनेशन वेडिंग का भी जिक्र पीएम ने किया. उन्होंने कहा कि देश के काफी लोग विदेशों में जाकर शादी कर रहे हैं. इसे बदलना चाहिए उन्होंने कहा कि मैं देश के धन्ना सेठ, अमीरों से कहना चाहता हूं कि जब भगवान जोड़ियां बनाते हैं तो आप लोग भगवान के चरणों के बजाय बाहर विदेश में जाकर क्यों शादी करते हो. युवाओं को वेड इन इंडिया मूवमेंट चलाना चाहिए. यहां शादी समारोह करेंगे तो यहां विकास होगा. डेस्टिनेशन वेडिंग उत्तराखंड में करिए. अगर एक साल में 5 हजार शादियां भी यहां होने लग जाएं तो एक नया इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा हो जाएगा और दुनिया की शादियां यहां होने लग जाएंगी.

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि मेरा एक संकल्प है, आने वाले कुछ समय में इस देश में 2 करोड़ ग्रामीण महिलाओं को लखपति बनाने के लिए मैंने ‘लखपति दीदी’ अभियान चलाया है. हाउस ऑफ हिमालय ब्रांड से 2 करोड़ ग्रामीण महिलाओं को लखपति बनाने का काम तेजी से पूरा हो जाएगा.

टूरिज्म को लेकर कही ये बात
पीएम ने इस कार्यक्रम में कहा कि आज भारत को देखने के लिए भारतीयों और विदेशियों दोनों में अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिल रहा है. हम पूरे देश में थीम बेस्ड टूरिज्म सर्किट तैयार कर रहे हैं. कोशिश ये है​ कि भारत के नेचर और हेरिटेज दोनों से ही दुनिया को परिचित कराया जाए. इस अभियान में उत्तराखंड, टूरिज्म का एक सशक्त ब्रांड बनकर उभरने वाला है.

उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों की अप्रोच थी कि जो इलाके सीमा पर हैं, उनको ऐसे रखा जाए कि पहुंच कम हो. डबल इंजन की सरकार ने इस सोच को भी बदला है. हम सीमावर्ती गांवों को लास्ट विलेज नहीं, बल्कि देश के फर्स्ट विलेज के रूप में विकसित करने में जुटे हैं. आज भारत सरकार 21वीं सदी के आधुनिक कनेक्टिविटी के इंफ्रास्ट्रक्चर पर उत्तराखंड में अभूतपूर्व निवेश कर रही है. केंद्र सरकार के इन प्रयासों के बीच राज्य सरकार भी छोटे शहरों और गांव-कस्बों को जोड़ने के लिए पूरी शक्ति से काम कर रही है. वो दिन दूर नहीं जब दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से, दिल्ली और देहरादून की दूरी ढाई घंटे होने वाली है.

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