UP RERA: उत्तर प्रदेश भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण (UP RERA) ने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स बैंक अकाउंट्स के दिशा निर्देशों में संशोधन कर नया निर्देश जारी किया है. अब हर हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए बिल्डरों को तीन बैंक खाते खोलने होंगे. नियम के तहत कलेक्शन अकाउंट, सेपरेट अकाउंट और ट्रांजैक्शन अकाउंट खोलना अनिवार्य कर दिया गया है. नए नियमों से ग्राहकों के धन की सुरक्षा होगी और प्रोजेक्ट्स समय से पूरी हो सकेंगी.
यूपी रेरा ने सेपरेट अकाउंट और कलेक्शन अकाउंट में बिल्डरों को डेबिट कार्ड, चेक बुक और नेट बैंकिंग की सुविधा पर रोक लगा दी है. सेपरेट अकाउंट के पैसों से प्रोजेक्ट और ट्रांजेक्शन अकाउंट के पैसा से अन्य खर्चे किए जाएंगे.
नियमों का पालन न करने पर होगी कार्रवाई
रेरा ने सेपरेट एकाउंट से गारंटीड रिटर्न, ब्याज और अर्थदण्ड का पेमेंट करने पर रोक लगा दी है. इन सभी मदों में भुगतान बिल्डर के ट्रांजेक्शन अकाउंट या फिर अपने लेवल से करना होगा. रेरा ने अलर्ट किया है कि अगर बिल्डरों ने इन चेतावनी को नहीं माना तो उन पर उचित कार्रवाई की जाएगी.
नए बैंक खाते का नियम
यूपी रेरा में उत्तर प्रदेश के 3536 परियोजना रजिस्टर्ड हैं. पिछले वर्ष यूपी रेरा ने नए प्रोजेक्टों के लिए तीन नए बैंक खाते खोलने का नियम बनाया था. इनमें सेपरेट, कलेक्शन और ट्रांजेक्शन अकाउंट शामिल हैं. प्रोजेक्ट से जुड़ी पूरी धनराशि कलेक्शन अकाउंट में आएगी. बैंक द्वारा स्वत: ही ऑटो स्वीप के जरिए 70 प्रतिशत धनराशि सेपरेट अकांउट में और 30 प्रतिशत धनराशि ट्रांजेक्शन अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगी.
विकास कार्यों पर ही खर्च होंगे पैसे
सेपरेट एकाउंट की धनराशि प्रोजेक्ट की भूमि, निर्माण और विकास कार्यों पर ही खर्च किए जाएंगे. केवल निर्माण के लिए बैंक ऋण का सामान्य पेमेंट ही कर सकेंगे. पिनल या कंपाउंड इंटरेस्ट, आवंटियों को ब्याज, मुआवजे का पेमेंट नहीं कर सकेंगे.
रखी जाएगी निगरानी
यूपी रेरा के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने बताया कि रेरा के वेब पोर्टल पर परियोजना के तीनों खातों की घोषणा और इन खातों का नियमानुसार संचालन का सख्ती से पालन कराया जाएगा. इन तीनों अकाउंट के संचालन और मैनेजमेंट की निगरानी रखी जाएगी. अगर कोई आदेश का पालन नहीं करेगा तो संबंधित बिल्डर पर भारी दंड लगाया जाएगा.
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