Mandu Travel: प्रकृति प्रेमियों को एक बार जरूर जाना चाहिए मांडू, सर्दियों में घूमने के लिए है बेस्ट

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Mandu Travel: अगर आप प्रकृति प्रेमी है और सर्दियों के सीजन में कहीं घूमने का प्लाान बना रहे है, तो आप मध्य प्रदेश के मांडू जा सकते है. सर्दियों के मौसम में यहां की कई जगहों का मौसम घूमने के अनुकूल होता है. मांडू यहां का एक पुराना शहर है, जो इंदौर से करीब 100 किलोमीटर दूर है. मांडू को बसाने का श्रेय परमार राजाओं को जाता है. इसलिए यहां आपको महल, गुफाएं भी देखने को मिलेंगे. मांडू में बनी इमारतें आज भी काफी हद तक पहले जैसी ही हैं. आप अगर घूमने की सोच रहे हैं, तो यहां का प्लान कर सकते हैं.

मांडू में घूमने वाली जगहें
हिंडोला महल

हिंडोला महल का शेप इसे खास बनाता है, जिसे बिल्कुल ‘टी’ शेप में बनाया गया है. यहां पहले के समय में दरबार लगता है और राजा लोगों की फरियाद इसी महल में बैठकर सुना करते थे. ये महल ऊपर से बंद नहीं, बल्कि खुला हुआ है और यहां की दीवारें 77 डिग्री में झुकी हुईं हैं.

जहाज महल
जहाज महल का निर्माण मांडू के सुल्तान ग्यासुद्दीन खिलजी ने करवाया था. इस महल में 15,000 स्त्रियों के रहने के लिए जगह है. महल के दो तरफ तालाब है, जो इसकी खूबसूरती बढ़ाने का काम करते हैं. आप इस महल को कभी भी घूमने का प्लान बना सकते हैं, क्योंकि ये कभी बंद नहीं होता.

होशांग शाह का मकबरा
पहली बार भारत में संगमरमर का इस्तेमाल ताजमहल में नहीं, बल्कि होशांग शाह के मकबरे में हुआ था. इस मकबरे को 15वीं शताब्दी में बनवाया गया था. ये मकबरा अफगान की शानदार कला का नायाब नमूना है. इसका दिदार किए बिना आपकी मांडू यात्रा अधूरी रह जाएगी.

रानी रूपमती महल
रानी रूपमती महल ताजमहल की तरह ही प्यार की निशानी है. राजा बाज बहादुर, एक युवती रूपमती से बहुत प्यार करता था, जो एक गायिका थी. इस प्यार को दुनियाभर को जताने के मकसद से बाज बहादुर ने एक महल बनवाया था, जिसे रानी रूपमती महल नाम दिया गया. इस महल को मांडू की सबसे ऊंची जगह पर बनाया गया है. जहां पहुंचकर मांडू के साथ ही नर्मदा नदी का भी खूबसूरत नजारा देख सकते हैं.

बाग गुफाएं
मांडू स्थित बाग गुफाएं भी बेहद खूबसूरत जगहें हैं, जहां आकर आप फैमिली या दोस्तों के साथ क्वागलिटी टाइम बिता सकते हैं. इन गुफाओं का नाम बाघानी नदी के नाम पर पड़ा है, जिसके बगल में ये गुफा बनी है. यहां बुद्ध भगवान की मूर्तियों और शानदार नक्काशी देख सकते हैं. मान्येता है कि इन मूर्तियों को चौथी और 6वीं सदी के बीच में पत्थरों को काटकर बनाया गया था.

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