दाऊद इब्राहिम ने कैसे खड़ा किया खौफ का साम्राज्य, जानें

सोशल मीडिया पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को जहर दिए जाने की खबर तेजी से वायरल हो रही है. इस बीच लोग उसे लेकर कई तरह के कयास लगा रहे हैं.

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जहर की वजह से दाऊद की हालत गंभीर है और उसे इलाज के लिए कराची के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 

दाऊद को टाइट सिक्योरिटी में रखा गया है. हालांकि अभी तक इसको लेकर कोई पुष्ट जानकारी सामने नहीं आई है. 

26 दिसंबर 1955 को, महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के एक गाँव में जन्मा दाऊद इब्राहिम भारत का मोस्ट वांटेड आतंकवादी है.

उसके पिता इब्राहिम कासकर मुंबई पुलिस में हेड कांस्टेबल थे, जो चाहते थे कि उनका बेटा एक आम हिंदुस्तानी बने.

लेकिन दाऊद के इरादे शुरू से ही कुछ और थे. ऐसे में वह पढ़ाई-लिखाई छोड़कर गुंडागर्दी में शामिल हो गया. 

महज 19 साल उम्र में उसने अपने भाई, शब्बीर इब्राहिम कास्कर के साथ डी-कंपनी की नींव रखी, जिसे दाऊद कंपनी के नाम से भी जाना जाता है. 

इसके बाद दाऊद ने ग्लैमर की दुनिया में कदम रखा. वह सट्टेबाजी, फिल्मों की फाइनेंसिंग और दो नंबर के दूसरे धंधे करने लगा.

कम समय में दाऊद ने अपने नाम का आतंक दुनिया भर में फैसला शुरू किया.

इसके गुर्गों ने 25 से अधिक देशों में मादक पदार्थों की तस्करी, जालसाजी और हथियारों की तस्करी करनी शुरू की. 

साल 1993 के मुंबई धमाकों के लिए दाऊद इब्राहिम को जिम्मेदार माना जाता है. 30 साल पहले मुंबई के अलग-अलग इलाकों में सिलसिलेवार धमाके होते रहे.

जिसमें 257 लोगों की मौत हुई, जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. उन धमाकों के कई किरदार थे.

लेकिन इन धमाकों के पीछे जो सबसे बड़ा नाम था वह दाऊद इब्राहिम आज भी भारतीय कानून की गिरफ्त से दूर है.

रिपोर्ट्स के अनुसार, दाऊद ने भारत छोड़ने के बाद भी पाकिस्तान में रहकर कई घटनाओं को अंजाम दिया.

1981 में अपने भाई शब्बीर इब्राहिम कास्कर की हत्या के बाद दाऊद अपने गुर्गों के जरिये टारगेट किलिंग कराने लगा. 

खूनी खेल के साथ साथ दाऊद ने दुनिया भर में ड्रग की तस्करी कराई, ड्रग से आए पैसे के जरिये वह अपनी महंगी लाइफस्टाइल जीता रहा. 

इसी तरह वह पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों को भी फंड करता रहा. ऐसे में उसे पाकिस्तान में बिना परेशानी रहने की अनुमति मिलती रही.