BJP Strategy For Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे वैसे राजनीतिक पार्टियां सक्रिय नजर आ रही हैं. बीजेपी तीन राज्यों में जीत के बाद मिशन 2024 में लग गई है. मीडिया सूत्रों की मानें तो भाजपा खरमास बाद यानी 14 जनवरी के बाद लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर सकती है. आइए जानते हैं बीजेपी का पूरा प्लान…
160 सीटों पर हो सकता है कैंडिडेट के नाम का ऐलान
दरअसल, भाजपा नमो एप के जरिए जनता से सीधे सांसदों का फीडबैक ले रही है. इस ऐप के जरिए जनता से तीन संभावित उम्मीदवारों के नाम भी मांगे गए हैं, इसमें वर्तमान सांसद के कामकाज की रेटिंग भी मांगी गई है. माना जा रहा है कि इस फीडबैक के आधार पर बीजेपी अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान करेगी. वहीं, दूसरी 2019 के लोकसभा चुनाव में हारी या कमजोर मानी जा रही 160 सीटों के लिए बड़ा प्लान तैयार कर रही है. बताया जा रहा है कि इन 160 सीटों पर बीजेपी 14 जनवरी के बाद ही उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है.
पीएम मोदी संभालेंगे चुनाव प्रचार की कमान
गौरतलब है कि सत्ताधारी दल बीजेपी लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी में लग चुकी है. पार्टी द्वारा लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार कर ली है बताया जा रहा है कि संसद के शीतकालीन सत्र के समापन के बाद ही पीएम मोदी खुद चुनाव प्रचार की कमान संभालेंगे. नए साल 2024 में पीएम मोदी हर राज्यों के दौरे करेंगे. इस दौरान पीएम मोदी हर राज्य में दो से तीन दिन रुकेंगे. जहां वे विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास का कार्यक्रम करेंगे. साथ ही कई बड़ी रैलियों को भी संबोधित करेंगे.
350+ का लक्ष्य
बता दें कि हाल ही में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि दूसरी पार्टियां अब लोकसभा चुनाव की तैयारी करें. हमारी पार्टी डेढ़ साल पहले से तैयारी शुरू कर दी थी. जेपी नड्डा ने कहा था कि इस बार भाजपा ने उन 160 सीटों पर विशेष फोकस किया है, जो बीजेपी की नहीं हैं. उन्होंने यह भी बताया कि बीजेपी इस बार 350+ का लक्ष्य लेकर चल रही है. बीजेपी पिछले चुनाव के मुकाबले 12 करोड़ ज्यादा वोट हासिल करने का लक्ष्य बनाया है.
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इन सीटों पर विशेष फोकस
आमतौर पर देखा जाए तो राजनीतिक पार्टियां चुनाव के ऐलान के बाद उम्मीदवारों की घोषणा करती है. लेकिन भारतीय जनता पार्टी का मानना है कि यदि वे अपने कमजोर या हारी सीटों पर पहले ही कैंडिडेट तय कर देगी तो उसकी स्थिति मजबूत करने के लिए उम्मीदवार को भरपूर समय मिलेगा. बता दें कि इन 160 सीटों में ज्यादातर सीटें दक्षिण और पूर्वी भारत की हैं. इन सीटों में सोनिया गांधी की रायबरेली, डिंपल यादव की मैनपुरी जैसी सीटें भी शामिल हैं.