क्रिसमस ट्री से जूड़े 7 आश्चर्यजनक तथ्य, जानें इतिहास
25 दिसंबर को दुनिया भर में क्रिसमस मनाया जाता है. इस दिन लोग अपने घरों को सजाते हैं और क्रिसमस ट्री अपने घर लाते हैं.
क्या आप जानते हैं कि क्रिसमस ट्री की परंपरा कहां से आई. आइए आज हम क्रिसमस ट्री का इतिहास और इससे जुड़ीं रोचक बातें जानते हैं...
ईसाई धर्म के अस्तित्व में आने से काफी पहले से साल भर हरे रहने वाले पौधे और पेड़ों का लोगों के जीवन में काफी महत्व था. वे अपने घरों को पेड़ों की डालियों से सजाते थे.
उनका मानना था कि ऐसा करने से जादू-टोने का असर नहीं होता है, बुरी आत्माएं और बीमारियां दूर रहती हैं. प्राचीन मिस्र और रोम के लोग इन पौधों की ताकत पर यकीन करते थे.
क्रिसमस ट्री से जुड़ी एक कहानी 722 ईस्वी की है. ऐसी मान्यता है कि जर्मनी के सेंट बोनिफेस को पता चल गया कि कुछ दुष्ट लोग विशाल ओक ट्री के नीचे एक बच्चे की कुर्बानी देंगे.
सेंट बोनिफेस ने बच्चे को बचाने के लिए ओक ट्री को काट दिया. उसी ओक ट्री की जड़ के पास एक फर ट्री या सनोबर का पेड़ उग गया.
उसके बाद सेंट बोनिफेस ने लोगों को बताया कि वह एक पवित्र वृक्ष है और पेड़ की डालियां स्वर्ग की ओर संकेत करती हैं. इससे उस पेड़ को लेकर लोगों के मन में सम्मान पैदा हुआ.
वैसे जर्मनी को क्रिसमस ट्री की परंपरा को शुरू करने का श्रेय दिया जाता है. लोग इसे 16वीं सदी के महान ईसाई धर्म सुधारक मार्टिन लूथर से भी जोड़ते हैं लेकिन यह प्रमाणित नहीं है.
इस कहानी के मुताबिक, करीब 1500 ईस्वी में क्रिसमस की एक पूर्व संध्या वह बर्फ से ढंके जंगल होकर गुजर रहे थे. उन्होंने बर्फ से चमकते पेड़ को देखा.
पेड़ की डालियां बर्फ से भरी थीं और चांद की रोशनी में चमक रही थी. जब वह घर आए तो अपने घर पर सनोबर का एक पेड़ लगाया और उसे छोटे कैंडल से सजाया.
उन्होंने पेड़ को जीसस क्राइस्ट के जन्मदिन के सम्मान में प्रकाशित किया था, तब से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा शुरू हो गई.
अमेरिका में क्रिसमस ट्री का इतिहास साल 1830 से मिलता है. जब जर्मनी के लोग अमेरिका में गए तो अपने साथ यह परंपरा ले गए.
इंग्लैंड में क्रिसमस ट्री का इतिहास फैलाने का श्रेय क्वीन विक्टोरिया के पति प्रिंस अल्बर्ट को जाता है. प्रिंस अल्बर्ट जर्मन के रहने वाले थे.
1848 में उन्होंने विंडसर केसिल में पहला क्रिसमस ट्री लगाया. तब से पूरे इंग्लैंड में क्रिसमस ट्री की परंपरा चल निकली.
क्रिसमस ट्री की मार्केटिंग का श्रेय न्यू यॉर्क के एक व्यापारी को जाता है. उसने अपने बागान से फर और स्प्रूस के पेड़ काटे और न्यू यॉर्क की वॉशिंगटन मार्केट में बेचने के लिए पहुंचा दिया.
तब से बाजार में क्रिसमस ट्री का बिकना शुरू हुआ और क्रिसमस ट्री की पैदावार ने एक इंडस्ट्री का रुप ले लिया.