Ram Mandir: ननिहाल के भात से अयोध्या में होगा भंडारा, छत्तीसगढ़ से “विष्णुदेव” भेजेंगे चावल

Shubham Tiwari
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Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Ram Mandir: अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी तेजी से चल रही है. अब इंतजार है तो 22 जनवरी का, जब रामलला राम मंदिर में विराजमान होंगे. रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का इंतजार हर राम भक्त बहुत बेसब्री से कर रहे हैं. वहीं, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले देश के कोने-कोने से भक्तों द्वारा भगवान राम के लिए खास तोहफा भेेजा जा रहा है.

भगवान राम के ससुराल से लेकर ननिहाल तक से कुछ न कुछ खास तोहफा आ रहा है. रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के खास मौके पर जहां उनके ससुराल बिहार से प्रभु राम के ससुराल से पाहुन के लिए पान, पराग और मखाने का उपहार आएगा, तो वहीं, छत्तीसगढ़ यानी उनके ननिहाल से चावल आएगा. इसी चावल से अयोध्या में भंडारा किया जाएगा.

ननिहाल के चावल से होगा भंडारा

दरअसल, राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारी न सिर्फ अयोध्या में चल रही है, बल्कि इसकी तैयारी पूरे देश में जोर-शोर से चल रही है. इस महाआयोजन के लिए भगवान राम के ननिहाल यानि छत्तीसगढ़ में भी तैयारियां जारी हैं. बता दें कि छत्तीसगढ़ से 300 मीट्रिक टन चावल अयोध्या भेजा जाएगा. इस चावल का इस्तेमाल भंडारे में किया जाएगा. यानी भगवान राम के ननिहाल के चावल से अयोध्या में भंडारा होगा.

सीएम विष्णुदेव भेजेंगे चावल

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है.राज्य में एक से एक किस्म के चावल का उत्पादन होता है. छत्तीसगढ़ के चावल देश नहीं विदेशों में फेमस हैं. छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोशिएशन की तरफ से बताया गया कि अयोध्या राम मंदिर समिति के पदाधिकारी चंपत राय ने छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स को पत्र लिखकर किया चावल भेजने का निवेदन किया था. जिसके बाद चावल भेजने का फैसला लिया गया है. 28 दिसंबर को छत्तीसगढ़ के सीएम अयोध्या जाने वाले चावल के ट्रकों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. बता दें कि 22 जनवरी के दिन अयोध्या में भंडारा होगा और इस भंडारे में छत्तीसगढ़ के चावल का ही भात बनाया जाएगा.

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भगवान राम का ननिहाल है छत्तीसगढ़ 

आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में भगवान राम का ननिहाल है. भगवान राम की माता कौशल्या इसी राज्य की थीं. छत्तीसगढ़ के चंदखुरी में माता कौशल्या का मंदिर भी है, जहां भगवान राम माता कौशल्या की गोद में बैठे हुए हैं. इसलिए छत्तीसगढ़ के लोग इन्हें भांजा मानते हैं और इनकी पूजा न सिर्फ भगवान के रूप में करते हैं, बल्कि भांजे के रूप में भी पूजते हैं.

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