Ayodhya: श्रीरामजन्मभूमि अयोध्या (Ayodhya) में राममंदिर के निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है. वहीं आगामी साल 2024 में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन होने वाला है. रामजन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए पूरी तरह से तैयार है. रविवार को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण की ताजा तस्वीरें जारी की हैं. राममंदिर का भूतल बनकर तैयार हो गया है. राममंदिर की सीढ़ियां भी तैयार हो गई हैं. सीढ़ियों के दोनों ओर रेलिंग लगा दी गई हैं.
अयोध्या महोत्सव में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण राष्ट्र के अपमान का परिमार्जन है. यह हिंदुस्तान के सम्मान का प्रतीक है. चंपत राय ने बताया कि निमार्ण किए जा रहे राममंदिर की आयु 1000 साल की होगी. इसके निर्माण में गुणवत्ता का विशेष रूप से ध्यान रखा गया है.
10 करोड़ लोगों ने दिया योगदान
रामनगरी अयोध्या में 3000 से अधिक राम मंदिर हैं. फिर भी निर्मोही अखाड़ा, दिगंबर अखाड़ा और साधु संत राम मंदिर के लिए लड़ाई लड़ते रहे, क्योंकि अयोध्या भगवान श्रीराम का जन्म स्थान है्. जन्मस्थान की अदला-बदली नहीं हो सकती. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर राष्ट्र का मंदिर है. राष्ट्र के सम्मान का मंदिर है. 10 करोड़ लोगों ने मंदिर के निर्माण के लिए अपना योगदान दिया है. राम मंदिर को करोड़ो लोगों के परिश्रम से निर्मित किया जा रहा है. मंदिर की आयु 1000 साल बनाने की कोशिश की गई है.
स्वतंत्र भारत की अद्भुत इंजीनियरिंग की रचना है राममंदिर
राममंदिर के निर्माण की जानकारी देते हुए कहा कि जमीन में ऊपर कंक्रीट नहीं है और जमीन के नीचे लोहे का तार नहीं है. मंदिर के लिए 14 मीटर गहरी आर्टिफिशियल रॉक बनाई गई है. सीमेंट का प्रयोग केवल 2.5 प्रतिशत तक ही किया गया है. मंदिर में अब तक 21 लाख क्यूबिक पत्थर लगाए जा चुके हैं. कहा कि इसके लिए हमने किसी विदेशी कंसल्टेंट की मदद नहीं ली है. यह मंदिर स्वतंत्र भारत की अद्भुत इंजीनियरिंग की रचना है.
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