Hamirpur News: इस साल हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश के बाद बाढ़ का सितम देखने को मिला था. आलम ये था कि हिमाचल से यूपी आने वाली नदियां उफान पर रही, इस वजह से सटे जिले हमीरपुर में भी इसका प्रभाव देखने को मिला. इन सब के बीच अगर हम कहें कि बाढ़ के कारण प्रशासन को काफी फायदा हुआ है तो ये कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी.
दरअसल, ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योकि ऐसा ही हुआ है. हिमाचल प्रदेश सहित हमीरपुर ज़िला में हुई भारी बरसात के चलते नदियां उफनाईं दिखी. इस वजह से पानी के साथ लकड़ी, पत्थर, बजरी, रेता और दूसरा मटेरियल नदियों में बहते दिखा. इस वजह से नदी से सटे इलाकों का काफी ज्यादा बुरा हाल हो गया था.
फंसे मैटेरियल से प्रशासन को फायदा
आपको बता दें कि बारिश के दौरान लकड़ी, पत्थर, बजरी, रेता जैसे जो मैटेरियल नदी में बह के तटीय इलाकों में फंसा था, उससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. इस वजह से आस-पास बने पुलों के गिरने का भी खतरा बना रहा था. इस खतरे को देखते हुए पिछले करीब तीन महीनों से फंसे इन मैटेरियल नदी से निकाल कर नीलामी की योजना अधिकारियों ने बनाई. इसी कड़ी में हमीरपुर जिला प्रशासन ने खनन विभाग के माध्यम से सुजानपुर स्थित व्यास नदी में जितना भी रेत बजरी लकड़ी और दूसरा मटेरियल पुल के आसपास बहकर जमा हुआ था. उसकी नीलामी करवाई है.
मिला खूब राजस्व
इस मामले को लेकर उपायुक्त हमीरपुर हेमराज बैरवा ने जानकारी दी. उन्होंने कहा कि व्यास नदी के साथ लगती खड्डों में आपदा के दौरान काफी मात्रा में रेता, बज़री, पत्थर आदि पदार्थ इकट्ठा हो गया था, जिसको नीलाम कर 3 करोड़ 19 लाख रुपए का राजस्व सरकारी खजाने में जमा करवाए हैं. सुजानपुर के पुल के आसपास बरसात में जो बह कर आया था और जमा हो गया था.
उल्लेखनीय है कि हमीरपुर जिले के क्षेत्र में व्यास नदी पर बने पुल के नीचे ये सारी चीजें जमा थीं. इस वजह से नुकसान का भी खतरा मंडरा रहा था. अधिकारियों का कहना है कि ऐसे में सारे पदार्थ को हटा देने के बाद नदी की काफी जगह साफ हो गई है और यहां अब पानी भी नहीं रूकेगा. संबंधित अधिकारियों की मानें तो आपदा के दौरान काफी मात्रा में रेता, बज़री, पत्थर आदि बहते हुए आए थे. जिसकी नीलामी कर तीन करोड़ 19 लाख रुपए का राजस्व सरकारी खजाने में जमा करवाए हैं.