Interesting News: भारत पाकिस्तान के बंटवारे के बाद से ही पाकिस्तान अपने पड़ोसी देश को नुकसान पहुंचाने में लगा रहा है. यही वजह है कि पाकिस्तान आर्थिक तंगी की वजह से जूझ रहा है, जबकि भारत तरक्की की राह पर अग्रसर है. लेकिन क्या आपको पता है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था गधों के भरोसे चल रही है. आइए जानते हैं कैसे…?
गंधों के भरोसे अर्थव्यवस्था
आप सोच रहे होंगे कि क्या सच में पाकिस्तान की अर्थव्यस्था गधों के भरोसे चल रही है, जी हां आप बिलकुल सही सोच रहे हैं. कंगाली के कगार पर खड़े पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था गधों के भरोसे ही चल रही है. क्योंकि, ये बात हम नहीं बल्कि यहां के आंकड़े कह रहे हैं. आकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान में गधों की संख्या में लगातार इज़ाफा हो रहा है. यहां गधों से कृषि से लेकर अऩ्य कई भी कार्य कराए जाते हैं.
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तेजी से बढ़ रही गधों की संख्या
पाकिस्तान इकोनॉमिक सर्वे 2022-23 के मुताबिक, यहां गंधों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. “साल 2019-20 में पाकिस्तान में जहां 55 लाख गधे थे, वहीं इनकी संख्या 2020-21 में बढ़कर 56 लाख हो गई. वहीं नए सर्वे के मुताबिक पाकिस्तान में 2022-23 में कुल 58 लाख गधे मौजूद हैं.” इमरान खान की सरकार के दौरान गधे को हमेशा मुनाफे का धंधा बताया गया.
जानिए कैसे गधों के भरोसे अर्थव्यवस्था?
अब आपके मन में ये सवाल आ रहा होगा कि आखिर पाकिस्तान भला गधों का करता क्या है? तो आपको बता दें कि पाकिस्तान में गधों से कृषि समेत अन्य कई काम भी कराया जाता है. लेकिन सबसे अधिक फायदा गधों के निर्यात से होता है. पाकिस्तान चीन को गधे निर्यात करता है. हालांकि, चीन में भी गधों की संख्या में कमी नहीं है, लेकिन वो दूसरे देशों से भी इन्हें निर्यात करता है. चीन गधों की स्किन में पाए जाने वाले जिलेटिन प्रोटीन को चीन दवाओं में इस्तेमाल करता है, जो बहुत शक्तिवर्धक मानी जाती हैं.