Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला के साथ नहीं होंगी मां सीता, जानिए कारण

Divya Rai
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Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Ayodhya Ram Mandir: श्री राम जन्मभूमि अयोध्या (Ayodhya Ram Mandir) में बने भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा की तैयारियां जोरों पर है. रामभक्तों को 22 जनवरी का बेसब्री से इंतजार है. ये दिन सनातन प्रेमियों के लिए ऐतिहासिक होने वाला है. इस उत्साहिक क्षण को लेकर आए दिन नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं. 700 एकड़ में बने इस मंदिर में भगवान राम के दर्शन के साथ-साथ और भी अन्य चीजें देखने को मिलेंगी. ऐसे में हर रामभक्त ये जानने के लिए उत्‍सुक है कि रामलला के साथ गर्भ गृह में माता सीता की मूर्ति होगी या नहीं?

नहीं होगी मां सीता की मूर्ति

आज तक हमनें मां सीता और भगवान राम को तस्वीरों में हमेशा साथ देखा है, लेकिन भव्य राम मंदिर में मां सीता अपने प्रभु राम के साथ नहीं होंगी. दरअसल, इसके पीछे मुख्य कारण ये है कि मंदिर में प्रभु श्रीराम 5 साल के बालक स्वरूप में विराजमान होंगे. इस वक्त मां सीता संग उनका विवाह नहीं हुआ था. ऐसे में गर्भगृह में केवल रामलला ही विराजेंगे और उनकी ही पूजा होगी. महासचिव चंपत राय ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा, “जो मूर्ति गर्भ गृह में स्थापित होगी वह उस स्वरूप की होगी, जिसमें भगवान की शादी नहीं हुई है. यानी कि मुख्य मंदिर में आपको मां सीता की मूर्ति नजर नहीं आएगी”

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रामचरितमानस में किया गया है वर्णन

तुलसीदास जी द्वारा लिखित रामचरितमानस में इस बात का वर्णन किया गया है कि, जब श्रीराम का विवाह मां सीता संग हुआ. उस दौरान मां सीता 18 की थीं. वहीं, भरवान राम की उम्र 27 वर्ष थी.

“वर्ष अठारह की सिया, सत्ताईस के राम।
कीन्हो मन अभिलाष तब, करनो है सुर काम।।”

परिसर में बनेंगे 7 और मंदिर

महासचिव चंपत राय ने ये भी जानकारी दी कि, मंदिर परिसर में और भी मंदिर में बनाए जाएंगे. जिसमें श्रीराम जी के गुरु ब्रह्मर्षि वशिष्ठ, महर्षि वाल्मीकि, अगस्त्य मुनि, ब्रह्मर्षि विश्वामित्र, निषादराज, माता शबरी और रामभक्त केवट के मंदिर शामिल हैं. 2024 तक इन सभी मंदिरों को निर्माण पूरा होने की संभावना है.

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