PM Modi Tamil Nadu Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने एक दिवसीय दक्षिण भारत की यात्रा पर आज पहुंचे हैं. यहां पर वह तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में भारतीदासन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए. इसी के साथ उन्होंने तिरुचिरापल्ली एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का भी उद्घाटन किया. सबसे पहले भारतीदासन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह पहुंच पीएम मोदी ने छात्रों को संबोधित किया. उन्होंने इस दौरान छात्रों को कई महत्वपूर्ण संदेश भी दिया. उन्होंने कहा कि मैं पहला प्रधानमंत्री हूं जिसे यहां दीक्षांत समारोह में आने का सौभाग्य मिला है.
खूबसूरत राज्य में आकर अच्छा लगा
पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम में कहा कि भारतीदासन विश्वविद्यालय का यह 38वां दीक्षांत समारोह मेरे लिए विशेष है. 2024 में यह मेरी पहली सार्वजनिक बातचीत है, और मैं भारत के युवा लोगों के बीच तमिलनाडु के इस खूबसूरत राज्य में आकर खुश हूं. मुझे इस बात की भी खुशी है कि मैं पहला प्रधानमंत्री हूं जिसे यहां दीक्षांत समारोह में आने का सौभाग्य मिला है.
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि 1982 में, कई मौजूदा प्रतिष्ठित कॉलेजों को भारतीदासन विश्वविद्यालय के अंतर्गत लाया गया. इसकी शुरुआत एक मजबूत और परिपक्व नींव पर हुई, जिसने इस विश्वविद्यालय को मानवता, भाषा और विज्ञान जैसे कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बना दिया है. हमारा राष्ट्र और सभ्यता सदैव ज्ञान पर केन्द्रित रही है. हमारे प्राचीन विश्वविद्यालय जैसे नालन्दा और तक्षशिला प्रसिद्ध हैं. इसी तरह, अन्य स्थानों के भी संदर्भ हैं. कांचीपुरम में महान विश्वविद्यालय थे, और गंगईकोंडा चोलपुरम और मदुरै भी शिक्षा के महान केंद्र थे. यहां दुनिया भर से छात्र आते थे.
विश्वविद्यालय के उत्थान से होगा देश का उत्थान
पीएम मोदी ने दीक्षांत समारोह में कहा कि जब हमारे विश्वविद्यालय जीवंत थे, तो हमारा राष्ट्र और सभ्यता भी जीवंत थी! जब हमारे देश पर हमला हुआ तो तुरंत हमारी शिक्षा व्यवस्था को निशाना बनाया गया. 20वीं सदी की शुरुआत में, महात्मा गांधी, मदन मोहन मालवीय और सर अन्नामलाई चेट्टियार जैसे लोगों ने विश्वविद्यालय शुरू किए. स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान ये ज्ञान और राष्ट्रवाद के केंद्र थे. इसी प्रकार, आज भारत के उत्थान के पीछे एक कारण हमारे विश्वविद्यालयों का उत्थान भी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के युवा पहले से ही इतिहास रच रहे हैं. हमारे युवा वैज्ञानिकों ने हमारे लिए कोविड-19 के दौरान दुनिया को दवाइयां देना संभव बनाया और दूसरे क्षेत्र में चंद्रयान की चंद्रमा पर लैंडिंग को संभव बनाया. हमारे इनोवेटर्स ने पेटेंट की संख्या 2014 में 4000 से बढ़ाकर अब लगभग 50,000 कर दी है. हमारे मानविकी विद्वान ‘इंडिया स्टोरी’ को दुनिया के सामने इस तरह प्रदर्शित कर रहे हैं जैसा पहले कभी नहीं हुआ. हमारे संगीतकार और कलाकार देश के लिए अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार ला रहे हैं. हमारे एथलीटों ने एशियाई खेलों और पैरालंपिक जैसे विभिन्न टूर्नामेंटों में भारत के लिए पदक लाए. इस समय हर क्षेत्र में हर कोई आपकी और भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रहा है!
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