सावित्री बाई फुले की जयंती आज, जानें उनके अनमोल विचार

आज भारत की पहली महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले की 193वीं जयंती है.

सावित्री बाई फुले सिर्फ भारत की पहली महिला शिक्षका ही नहीं बल्कि वे समाज सुधारक और मराठी कवियत्री भी थीं.

उनको महिलाओं को शिक्षित करने के लिए तब के समाज का बहुत ज्यादा विरोध झेलना पड़ा था. उनकी 193वीं जयंती के अवसर पर जानते हैं उनके कुछ अनमोल विचार.

कोई तुम्हें कमजोर समझे, इससे पहले तुम्हे शिक्षा के महत्व को समझना होगा.

यह शिक्षा ही उचित अनुचित का भेद कराता है.

देश में स्त्री साक्षरता की भारी कमी है, क्योंकि यहां की स्त्रियों को कभी बंधन मुक्त होने ही नहीं दिया गया.

समाज तथा देश की प्रगति तब तक नहीं हो सकती, जब तक कि वहां कि महिलाएं शिक्षित ना हो.

शिक्षा स्वर्ग का द्वार खोलती है, खुद को जानने का अवसर देती है.

हमारे जानी दुश्मन का नाम अज्ञान है, उसे धर दबोचो.

शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है, जिसका उपयोग आप पूरे समुदाय को बदलने के लिए कर सकते हैं.

मेरा मानना है कि शिक्षा हर महिला की मुक्ति की कुंजी है.

स्त्रियां सिर्फ रसोई और खेत पर काम करने के लिए नहीं बनी है, वह पुरुषों से बेहतर कार्य कर सकती हैं.