Bilateral Meeting: विदेशमंत्री एस. जयशंकर दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचे नेपाल, शीर्ष नेतृत्व से करेंगे मुलाकात

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Bilateral Meeting: विदेश मंत्री एस जयशंकर आज से दो दिवसीय दौरे पर काठमांडू अपने नेपाली समकक्ष नारायण प्रकाश सऊद के साथ सातवीं नेपाल भारत संयुक्त आयोग की बैठक की सह अध्यक्षता के लिए पहुंचे, जिसके दौरान वह गुरूवार और शुक्रवार को द्विपक्षीय संबंधो की सम्पूर्ण स्थिति की समीक्षा करेंगे. 2024 में यह एस जयशंकर की पहली विदेश यात्रा है.

नेपाल भारत संयुक्त आयोग

भारत नेपाल संयुक्त आयोग की स्थापना 1987 में हुई थी. यह आयोग दोनों देशो के आपसी सांझेदारी के सारे पहलु पर समीक्षा करने के लिए एक मंच प्रदान करता है.

दो दिवसीय दौरे में क्या होगा ख़ास

नेपाल के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अमृत बहादुर राय के अनुसार, संयुक्त आयोग की बैठक के दौरान, “नेपाल-भारत संबंधों के संपूर्ण पहलू की समीक्षा की जाएगी”. श्री राय ने यात्रा से पहले बताया, “द्विपक्षीय बैठक मुख्य रूप से आने वाले दिनों में नेपाल-भारत संबंधों को मजबूत करने और उनके बीच बढ़ी हुई साझेदारी के माध्यम से दोनों देशों के लिए अधिकतम लाभ उठाने पर केंद्रित होगी.” विदेश मंत्रालय ने कहा कि अपनी यात्रा के दौरान, श्री जयशंकर राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल और प्रधान मंत्री पुष्प कमल दहल “प्रचंड” से शिष्टाचार मुलाकात करेंगे. विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक जयशंकर का नेपाल के वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं से भी मिलने का कार्यक्रम है. श्री सऊद , जयशंकर और उनके प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के सम्मान में रात्रिभोज का भी आयोजन करेंगे. उम्मीद है कि दोनों पक्ष उन तौर-तरीकों पर एक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे जो पिछले साल जून में दोनों देशों के नेतृत्व द्वारा लिए गए निर्णय के अनुरूप नेपाल को अगले 10 वर्षों में भारत को 10,000 मेगावाट बिजली निर्यात करने की सुविधा प्रदान करेगा.

भारत और नेपाल के आपसी संबंध

नेपाल पांच भारतीय राज्यों-सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के साथ 1,850 किमी से अधिक लंबी सीमा साझा करता है. नेपाल क्षेत्र में अपने समग्र रणनीतिक हितों के संदर्भ में भारत के लिए महत्वपूर्ण है, और दोनों देशों के नेताओं ने अक्सर सदियों पुराने “रोटी बेटी” रिश्ते पर ध्यान दिया है.भारत और नेपाल के बीच जो रिश्ते हैं वो 1950 की भारत-नेपाल शांति और मित्रता संधि विशेष का आधार है .नेपाल अपनी ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति के तहत भारत का प्राथमिकता वाला भागीदार है. यह यात्रा दो करीबी और मैत्रीपूर्ण पड़ोसियों के बीच उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा को ध्यान में रखते हुए है. नेपाली नागरिक सुविधाओं का लाभ उठाते हैं और संधि के प्रावधानों के अनुसार भारतीय नागरिकों के समान अवसर। लगभग 8 मिलियन नेपाली नागरिक भारत में रहते हैं और काम करते हैं.

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