Ram Bhakt: अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला विराजमान होंगे. इसको लेकर सनातन प्रेमियों में खास उत्साह देखने को मिल रहा है. वहीं, इस बीच भगवान राम के भक्तों से जुड़ी कई प्रचलित कहानियां भी सामने आ रही हैं, जिसे सुनकर लोग हैरान हो जा रहे हैं. इसी कड़ी में आज हम आपको मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के ऐसे भक्तों के बारे में बता रहे हैं, जिनकी श्रद्धा और भक्ति के बारे में जानकर हर कोई हैरान है. आइए जानते हैं इन भक्तों के बारे में…
पूरे शरीर पर लिखवाते हैं राम का नाम
दरअसल, हम बात कर रहे हैं, भगवान श्रीराम के परम भक्त रामनामी जनजाति के लोगों की. रामनामी जनजाति के लोग सिर्फ हाथ या मुंह पर ही नहीं बल्कि लगभग पूरे शरीर पर भगवान श्रीराम के नाम का परमानेंट टैटू (गुदवाकर) करा लेते हैं. रामनामी जनजाति के लोग अपनी पूरी बॉडी को एक तरह से भगवान श्रीराम को ही समर्पित कर देते हैं और उस पर प्रभु राम का नाम गुदवाकर लिखवा लेते हैं.
जानिए कहां रहती है ये जनजाति
बता दें कि रामनामी जनजाति के लोग भगवान श्रीराम में अटूट श्रद्धा रखते हैं. ऐसा कहा जाता है कि इस जनजाति के लोगों ने 1890 के दशक में शरीर पर राम का नाम लिखवाना शुरू किया था. माना जाता है कि भारत में रामनामी जनजाति के करीब 1 लाख लोग रहते हैं. हालांकि इस जनजाति के लोग भारत में कहां रहते हैं, इसका कोई आधिकारिक रिकार्ड नहीं है. लेकिन इस जनजाति के लोग छत्तीसगढ़ में महानदी नदी के किनारे बसे हैं. इसके अलावा इस रामनामी जनजाति के कुछ लोग ओडिशा और महाराष्ट्र में भी हैं.
जानिए कब हुई थी इकी शुरुआत
रामनामी जनजाति के लोगों के अपने पूरे शरीर पर भगवान के नाम को लिखवाने के पीछे की वजह की अगर बात करें तो ऐसा कहा जाता है कि ये मुगलों ने जब इस जनजाति के लोगों को भगवान राम से अलग करने की कोशिश की थी तो उन्होंने अपने पूरे शरीर पर प्रभु श्रीराम का नाम लिखवा लिया था. कहा जाता है कि इसकी शुरुआत परशुराम ने अपने पूरे शरीर पर रामनाम लिखवाकर की थी.
जानिए पहनावा
यदि बात करें रामनामी जनजाति के पहनावे की तो ये लोग पूरी बॉडी पर राम नाम लिखवाने के साथ ही राम नाम की शॉल या कपड़ा भी ओढ़े रहते हैं. रामनामी जनजाति के लोग मोर पंख से बना मुकुट अपने सिर पर पहनते हैं.
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