Ram Bhakt Farmer: अयोध्या में राममंदिर का निर्माण किया जा रहा है. 22 जनवरी को रामलला इस भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे. इस भव्य कार्यक्रम की तैयारियां लगभग अंतिम चरण में चल रही हैं. देश भर से राम भक्त अपने आराध्य देव के लिए कुछ ना कुछ लेकर आ रहे हैं. ऐसे में बागपत जनपद के एक गरीब किसान ने गजब की भक्ति दिखाई है. किसान ने 6 साल में रामचरितमानस को बाँस की कलम से लिखा. किसान का संकल्प था कि वो मंदिर के बनने के बाद अपने द्वारा लिखे ग्रंथ को अपने सिर पर रख कर ले जायेगा.
जानिए इस किसान के बारे में
यह पूरी कहानी बागपत के अंगदपुर के रहने वाले गरीब किसान राकेश शर्मा की है. उन्होंने एक ग्रंथ लिखने का संकल्प लिया और उस ग्रंथ को अपने सर पर रखकर भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या में स्थित श्री राम मंदिर तक 715 किलोमीटर की दूरी नंगे पैर पदयात्रा कर मंदिर के पुजारी को सौंपने का निर्णय लिया.
बता दें कि 14 अप्रैल वर्ष 2018 से राकेश शर्मा इस ग्रंथ को लिख रहे हैं. पिछले 6 सालों से लगातार लिखने के बाद भगवान श्री राम का सम्पूर्ण जीवन इस ग्रन्थ में बड़े ही मनमोहक शब्दो मे वर्णित किया गया है. इसे उन्होंने 2 जनवरी को पूरा कर लिया. हालांकि स्वास्थ खराब होने के कारण अब वह लाचार और असहाय दिखाई दे रहें हैं. इस स्थिति में उन्होंने सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाई है.
किसान ने सीएम योगी से मांगी मदद
किसान राकेश शर्मा ने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर गुहार लगाई है. किसाने ने कहा कि हनुमान जैसा कोई दूत भेज दो अब सरकार, जो यह ग्रंथ भव्य मंदिर तक ले जा सके. क्योंकि वह बीमार हो गया है और पदयात्रा नहीं कर सकता है. अब देखना यह होगा कि इस गरीब के मार्मिक पत्र पर सूबे के मुखिया क्या निर्णय लेते है. हालांकि राकेश शर्मा को पूरी उम्मीद नजर आ रही है कि उनका लिखा यह ग्रन्थ मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के श्री चरणों तक अवश्य जाएगा.
रिपोर्ट- कुलदीप पंडित
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