Ayodhya History: कलयुग की रामनगरी अयोध्या एक बार फिर त्रेतायुग जैसी चहक रही है. दमक रही है. आह्लादित है. रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर न सिर्फ अयोध्यावासी बल्कि समस्त सनातन धर्मी में उत्साह देखने को मिल रहा है. योगी सरकार द्वारा 2018 में फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या किया गया. लेकिन क्या आपको पता है कि पुराणों में अयोध्या के 12 नामों का वर्णन है. आइए जानते हैं इन नामों के बारे में…
एक बार फिर चारों तरफ अयोध्या की चर्चा
सतयुग से लेकर कलयुग तक वक्त के पहिए के साथ न सिर्फ अयोध्या बदलती गई, बल्कि इसके नाम भी कई बार बदले. अयोध्या के बनते बिगड़ते इतिहास के हर पहलू सुनहरे अक्षरों में दर्ज है. आज अयोध्या में राम, जय जय श्रीराम, राम नाम की गूंज है. एक बार फिर त्रेताकालीन नगरी अयोध्या की चर्चा पूरे विश्व में हो रही है. अयोध्या और सरयू नदी का इतिहास वेदों में भी दर्ज है.
पहले की अयोध्या और आज की अयोध्या में अंतर
अथर्ववेद में भी अयोध्या नगरी का जिक्र है. अथर्ववेद में अयोध्या नगरी को ईश्वर का नगर कहा गया है. जिसकी तुलना स्वर्ग से की गई है. वैदिक काल में सिंधु और सरस्वती की तरह सरयू भी एक प्रमुख नदी थी और इसी नदी किनारे अयोध्या नगरी बसी है. अथर्ववेद के मुताबिक, त्रेताकाल में अयोध्या पूरी तरह से संपन्न और विकसित नगरी थी. वाल्मीकि रामायण के अनुसार अयोध्या करीब 5200 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई थी. जबकि आज की अयोध्या को देखा जाए तो 120.8 वर्ग किलोमीटर में ही बसा है. यानी त्रेताकाल की अयोध्या आज की अयोध्या से करीब 44 गुना थी.
अयोध्या के 12 नाम कौन-कौन से हैं?
वेद-उपनिषदों और संहिताओं में अयोध्या नगरी का उल्लेख दर्ज है. भले ही आज की अयोध्या का नाम पहले अयोध्या न रहा हो, लेकिन नगर वही था. पुराणों के अनुसार अयोध्या को अलग-अलग 12 नामों से जाना जाता था. जिनके नाम हैं, अयोध्या, आनंदिनी, सत्यापन, सत, साकेत, कोशला, विमला, अपराजिता, ब्रह्मपुरी, प्रमोदवन, सांतानिकलोका और दिव्यलोका.
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(Disclaimer: इस लेख में दी गई वेद-पुराणों में दी गई जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)