आखिर वृंदावन के बंदर क्यों छीनते हैं टोपी, चश्मा, और पर्स? जानें दिलचस्प वजह
भगवान कृष्ण की जन्भूमि मथुरा में सैकड़ों तीर्थयात्री देश-विदेश से हर रोज पहुंचते हैं.
लेकिन यहां आने वाले श्रद्धालुओं को सबसे पहले वृंदावन के बंदरों का सामना करना पड़ता हैं.
सवाल यही है कि आखिरकार वृंदावन के बंदर बिहारी जी के चाहने वालों का प्रसाद और सामान क्यों छीनते हैं?
पवित्र नगरी मथुरा के वृंदावन पहुंचने के बाद बंदरों का उत्पाद कुछ ऐसा रहता है कि बंदर कहीं किसी का पर्स तो कहीं किसी का चश्मा छीन लेते हैं.
आए दिन सोशल मीडिया पर भी इस तरह की वीडियो देखने को मिल जाती हैं.
पुराणों के मुताबिक, कहा जाता है कि वृंदावन में कोई भी पशु-पक्षी साधारण जीव नहीं हैं. बल्कि वो सब साधु महात्मा हैं.
कहते हैं इन साधु महात्माओं को अपने पिछले जन्म के कर्मों के हिसाब से वृंदावन में जन्म मिला हैं.
यह भी कहा जाता है कि जो लोग घमंड, पैसा, दौलत-शोहरत वृंदावन में जाकर दिखाते है, बन्दर उन्हीं लोगों के पर्स, चश्मा, प्रसाद और अन्य सामान लेकर भाग जाते हैं.
बांके बिहारी के मंदिर में दर्शन करने के लिए जो भक्त आते हैं उनका कहना है कि वृंदावन के उत्पाती बंदर आपके सामान को छीन कर ले जाएं तो,
आपको इन्हें अपने सामान को वापस लेने के लिए एक नहीं बल्कि 2-2 फ्रूटी के पैकेट हर हाल में देने होंगे.