Ayodhya: 22 जनवरी को अयोध्या में प्रभु रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम रखा गया है. इस प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में देश के कई बड़े संत और बड़े चेहरों को बुलाया गया है. लेकिन, राम मंदिर के लिए कई बार जल समाधि और भू समाधि लेने वाले मौनी महाराज को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए नहीं बुलाया गया है. इस पर उन्होंने खेद व्यक्त किया है. इसके साथ ही उनका यह भी कहना है कि उनकी और करोड़ों भक्तों की आस्था रामलला से जुड़ी हुई है और उन्हें खुशी है कि रामलला तंबू से निकलकर एक भव्य महल में विराजमान होने जा रहे हैं.
मौनी महाराज 37 वर्ष से कर रहे तपस्या
आपको बता दें कि यूपी के अमेठी में सगरा आश्रम के पीठाधीश्वर अभय चैतन्य ब्रह्मचारी शिवयोगी मौनी स्वामी ने राम मंदिर निर्माण के लिए कई संकल्प लिए. मौनी महराज ने 37 वर्षों के अधिक समय में 56 बार भू समाधि, 37 बार जल समाधि, 5400 किलोमीटर की परिक्रमा, एक अरब 88 करोड़ 99 लाख से ज्यादा आहुतियां राम मंदिर के लिए दी है.
इसके साथ मौनी महाराज ने रामलला के लिए 456 से ज्यादा यज्ञ, करोड़ों दीपक भी जलाए हैं. बता दें कि नेपाल में 41 दिन की भू समाधि के बाद वहां के महाराज वीरेंद्र विक्रम शाह ने उन्हंम रुद्राक्षों का मुकुट और चंद्रमा भेंट किया था. अयोध्या में भी 14 कोसी परिक्रमा के मार्ग पर उनकी भू समाधि हुई थी. वहां तत्कालीन सपा सरकार ने उन्हें 11 दिनों के बाद ही जबरन बाहर निकलवा लिया था.
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से जुड़ेगें देश के 60 करोड़ लोग
जब रामलला मंदिर में विराजेंगे, तो समारोह की गूंज देश-दुनिया में सुनाई देगी. पूरे देश में करीब 60 करोड़ लोगों को इस आयोजन से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जोड़ा जाएगा. यूपी सहित देश के सभी मठ-मंदिरों में पूजा-अर्चना के साथ ही देश के 5 लाख गांवों को भी इस आयोजन किया जा जाएगा.
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