Ram Darbar: अयोध्या में राम मंदिर के प्रथम तल का कार्य पूर्ण हो गया है. अब इंतजार है रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की. रामलला के इस भव्य कार्यक्रम को लेकर पूरे देश में उत्साह का माहौल है. इस बीच हम रोज आपको भगवान राम से जुड़े प्राचीन मंदिर और स्थल के बारे में बता रहे हैं. इसी क्रम में आज हम आपको भगवान राम के एक ऐसे अलौकिक जगह के बारे में बताने वाले हैं, जहां भगवान राम के साथ द्वारिकाधीश श्रीकृष्ण की भी पूजा होती है. आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में….
जानिए कहां है ये मंदिर
दरअसल, धार्मिक नगरी मथुरा के वृंदावन में 500 साल पुराना एक ऐसा मंदिर जहां पर श्री कृष्ण और राम का दर्शन भक्तों को एक साथ देखने को मिलता है. यह मंदिर वृंदावन परिक्रमा मार्ग में ज्ञान गुदड़ी पर मौजूद है. जो तुलसी दर्शन स्थल के नाम से विख्यात है. पहले इस मंदिर का नाम श्री कृष्ण मंदिर था. लेकिन इस मंदिर के बारे में बताया जाता है कि यहां पर तुलसीदास जी को उनकी प्रार्थना पर श्री कृष्ण ने राम के रूप दर्शन दिए. तब से इस मंदिर का नाम तुलसी दर्शन पड़ गया.
श्री कृष्ण के दर्शन क्यों करने आए हैं?
इस मंदिर के बारे में बताया जाता है कि जिस समय तुलसीदास ने रामचरित मानस को लिखा, उससे तीन साल पहले कवि तुलसीदास ब्रज यात्रा पर वृंदावन आए और इस मंदिर में ठहरे. तभी उनकी इच्छा श्री कृष्ण के दर्शन की हुई. जिसके बाद वे वृंदावन के ज्ञान गुदड़ी में मौजूद श्री कृष्ण मंदिर में दर्शन के लिए आए. वैसे तो यहां के सेवायत तुलसी दास जी को पहचान गए थे, कि ये परम संत तुलसीदास है. पहचान के बाद सेवायत ने कहा की आप तो श्री राम के पुजारी तुलसी दास जी है. आप श्री कृष्ण के दर्शन क्यों करने आए हैं. तभी तुलसीदास ने श्री कृष्ण से आराधना की भगवान आप राम और कृष्ण अगर एक ही है तो मुझे मेरे श्री राम के रूप में ही दर्शन दीजिए.
राम-कृष्ण के एक साथ होते हैं दर्शन
तुलसीदास के इस प्रार्थना के बाद भगवान कृष्ण उन्हें राम के रूप में दर्शन दिए. श्री कृष्ण ने अपने राम रूप में आकर बंसी की जगह धनुष बाण धारण करके तुलसी दास जी को दर्शन दिए. तभी से भगवान कृष्ण के इस मंदिर को तुलसी दर्शन के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर में जहां राधा कृष्ण विराजमान है तों वही उनके पीछे धनुष बाण धारण करें श्री राम भी विराजमान हैं. यह एक मात्र दुनिया का ऐसा मंदिर है. जहां पर एक साथ राधा कृष्ण और श्री राम का दर्शन होता है. फिलहाल आज यह प्राचीन तुलसी मंदिर अपनी खस्ता हाल में है.
रिपोर्ट- अमित भार्गव मथुरा
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