Ramlala Pran Pratishtha: 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है. इस दौरान अयोध्या सहित पूरे देश में राम जी की पूजा की जाएगी. इसके लिए वैदिक अनुष्ठान की शुरुआत हो चुकी है. प्राण प्रतिष्ठा के लिए विधिपूर्वक सभी अनुष्ठान किए जाएंगे. मान्यता है कि बिना मंत्र जाप के प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया पूरी नहीं मानी जाती है. आइए जानते हैं प्राण प्रतिष्ठा के मंत्र और विधि के बारे में…
प्राण प्रतिष्ठा का मंत्र
‘मानो जूतिर्जुषतामज्यस्य बृहस्पतिर्यज्ञमिमं, तनोत्वरितष्टं यज्ञ गुम समिम दधातु विश्वेदेवास इह मदयन्ता मोम्प्रतिष्ठ।। अस्यै प्राणा: प्रतिष्ठन्तु अस्यै प्राणा: क्षरन्तु च अस्यै, देवत्य मर्चायै माम् हेति च कश्चन।। ऊं श्रीमन्महागणाधिपतये नम: सुप्रतिष्ठितो भव, प्रसन्नो भव, वरदा भव।’
प्राण प्रतिष्ठा पूजा सामग्री लिस्ट
गंगाजल, श्रीराम जी की प्रतिमा, कुमकुम, तांबे का बर्तन, अक्षत, मिठाई, फल, तुलसी दल, चंदन, घी, फूल, शंख, घंटी, कपूर.
प्राण प्रतिष्ठात विधि
अपने घर पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए सबसे पहले छोटी मूर्ति का चयन करें. मूर्ति धातु, पत्थर या फिर मिट्टी की हो सकती है. इसके बाद शुभ समय में रामलला का पंचामृत से अभिषेक करें. उसके लिए मंत्र पयोदधिघृतं चैव मधु च शर्करायुतं। पंचामृतं मयानीतं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम॥ पढ़ें. फिर जल से स्नान कराएं और मंत्र शुद्ध जल स्नानं समर्पयामि का उच्चारण करें. फिर रामलला को वस्त्र पहनाएं और उनका श्रृंगार करें.
उनको चंदन, फूल, माला, इत्र, मुकुट, धनुष, बाण आदि से सुशोभित करें. उसके बाद पूजा स्थान पर चांदी का सिंहासन रखें. अब आप मूर्ति को दाहिने हाथ से ढक दें. अस्यै प्राणा: प्रतिष्ठंतु अस्यै प्राणा: क्षरन्तु च। अस्यै देवत्वम् आचार्यै मामहेति च कश्चन।। श्रीरामचंद्र देवता सुप्रतिष्ठिते वरदे भवेताम्। मंत्र का उच्चारण करके और अक्षत् डालकर रामलला को सिंहासन पर प्रतिष्ठित करें.
रामलला का मुख पूर्व या फिर पश्चिम दिशा में करके रखें. उनकी पूजा के लिए सफेद सुगंधित पुष्प का उपयोग करें. पूजा सामग्री में फूल, माला, अक्षत्, चंदन, धूप, दीप, बत्ती, कपूर, फल, मिठाई, नैवेद्य आदि का उपयोग करें. रामलला की छोटी मूर्ति लिए लड्डू का भोग लगाएं. यदि मूर्ति बड़ी है तो उनको 56 भोग का भोग लगाएं या घर पर आप जो भी भोजन बनांए, उसका भोग लगाएं. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन आप अपने घर पर रामायण या रामचरितमानस पाठ का आयोजन कर सकते हैं. इससे भगवान राम की कृपा आपके पूरे परिवार पर बनी रहेगी.
क्या है प्राण प्रतिष्ठा
ज्योतिषियों के मुताबिक, घर या मंदिर में मूर्ति स्थापना के दौरान प्रतिमा में भगवान की शक्तियों को प्रकाशमान करने के लिए प्राण प्रतिष्ठा की जाती है. कहा जाता है कि मूर्ति स्थापना के दौरान प्राण प्रतिष्ठा करना बेहद आवश्यक होता है. प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद भगवान की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और ज्योतिष गणनाओं पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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