क्या होता है यम-नियम, प्राण प्रतिष्ठा से पहले पीएम मोदी क्यों कर रहे इसका पालन

अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होगी. इस विशेष कार्यक्रम का उत्सव मनाने के लिए पूरा देश उत्सुक है.

वहीं पीएम नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान बने हैं. शास्त्रों में ऐसा नियम है कि, मूर्ति स्थापना के मुख्य यजमान को कुछ कठोर नियमों का पालन करना पड़ता है, जिसे यम नियम कहते हैं.

पीएम मोदी ने 11 दिनों तक यम नियम के पालन करने का संकल्प लिया है और वे 12 जनवरी से इस नियम का पालन कर रहे हैं.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि यम नियम आखिर होता क्या है और इसमें किन नियमों का पालन करना पड़ता है, चलिए जानते हैं.

शास्त्रों के अनुसार मूर्ति स्थापना या मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को पवित्र प्रक्रिया माना जाता है. इसलिए इसके कठोर नियम बनाए गए हैं. इन नियमों का संबंध शास्त्रों से होता है.

अष्टांग योग के आठ भाग (यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, भजन और समाधि) में यम नियम सबसे पहला नियम है.

कुछ लोग यम नियम को बोद्ध धर्म के पांच सिद्धांत (अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह) भी मानते हैं.

यम नियम में स्नान, अन्न त्याग, बिस्तर पर सोने का त्याग आदि जैसे कठोर नियम होते हैं. पीएम मोदी भी व्रत-संकल्प के साथ इस प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं.

पीएम मोदी ने पिछले आठ दिनों से अन्न-जल का त्याग किया है. जल के स्थान पर वो नारियल पानी का सेवन कर रहे हैं.

11 दिनों के यम नियम के साथ ही पीएम अपने सरकारी कामकाज और यात्रा विशेष तौर पर सुदूर दक्षिण के मंदिरों में पूजा अर्चना भी कर रहे हैं. ये मंदिर प्रभु राम के जीवन में अहम पड़ाव रहे हैं.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और ज्योतिष गणनाओं पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)