What is Pran Pratishtha: रामनगरी अयोध्या में कल रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने को है. इसको लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. रामलला कल यानी 22 जनवरी को अपने भव्य नव्य निर्मित मंदिर में विराजमान हो जाएंगे. देश भर में इस भव्य कार्यक्रम में वीआईपी मेहमान आने वाले हैं. इसको लेकर तैयारियां पूरी की जा रही हैं. बता दें इन देश में राम नाम, राम भजन और राम ही राम ही राम की धूम है. हर तरफ केवल राम लला के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां चल रही हैं. ऐसे में कई लोगों को मन में सवाल है कि आखिर ये प्राण प्रतिष्ठा क्या होती है. आइए आपको अपने इस ऑर्टिकल में बताते हैं प्राण प्रतिष्ठा किसे कहते हैं.
प्राण प्रतिष्ठा किसे कहते हैं?
आपको बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा हिंदू और जैन धर्म का एक शुभ अनुष्ठान माना जाता है. प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी भी देवता की मूर्ति को मंदिर में प्रतिष्ठित यानी स्थापित किया जाता है. वहीं, इस अनुष्ठान के दौरान भजन और मंत्रों का पाठ किया जाता है. जानकारी दें कि प्राण प्रतिष्ठा का शाब्दिक अर्थ होता है जीवन शक्ति की स्थापना करना.
जानकारी दें कि प्राण प्रतिष्ठा से पहले मूर्ति को मंदिर में लाया जाता है. वहीं, लायी गई मूर्ति का किसी अतिथि के तौर पर स्वागत किया जाता है. मूर्ति को स्वागत के बाद दूध से नहलाया जाता है और साफ किया जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने के बाद ही मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के योग्य मानी जाती है.
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जानिए प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया…
बता दें कि मूर्ति को गर्भ गृह में रखने के बाद पूजा शुरू की जाती है. वहीं, इसके बाद मूर्ति का श्रृंगार कर उसे पुजारी यथास्थान पर स्थापित करते हैं. प्राण प्रतिष्ठा के दौरान इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि प्रतिष्ठा के दौरान मूर्ति का मुख पूर्व दिशा की ओर हो. इसके बाद देवता का भजन, मंत्रों के साथ पूजा पाठ किया जाता है और उनको आमंत्रित किया जाता है.
(अस्वीकरण: लेख में दी गई जानकारी सामन्य जानकारियों और मान्यताओं के आधार पर लिखी गयी है. द प्रिंटलाइंस इसकी पुष्टी नहीं करता है)