Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, मीराबाई से पूछा गया, आपको भगवान मिल गया। मीराबाई ने पूंछे के थाने भगवान मिलग्या। मीराबाई ने हंसते हुए जवाब दिया- अनबोल्या दिन बीतन लाग्या, काहे की कुशलात। भक्त शिरोमणि श्री मीराबाई ने कहा कि मिलग्या लेकिन- अनबोल्या दिन बीतन लाग्या, काहे की कुशलात्। श्री मीराबाई ने कहा मिल गया है। लेकिन- अनबोल्या, रूठ्यौड़ा बैठ्यो है। पता नहीं कब बोलेगा।
सदगुरुदेव भगवान स्वामी श्री रामकृष्ण परमहंस जी विवेकानंद को एक उदाहरण देते थे। वेदों में होमा पक्षी का वर्णन है। वह पक्षी बहुत ऊपर रहता है अंडा दे तो कहां ठहरे, महीनों लग जाता है। धरती पर आने से पहले बच्चे पैदा होकर आकाश में चले जाते हैं। जैसे होमा पक्षी आकाश में ही जन्मता है, आकाश में ही बड़ा होता है, आकाश में ही रहता है। वैसे हम लोग भगवान में जन्मते हैं, भगवान में ही बड़े होते हैं, भगवान में ही पालते हैं।
समुद्र में रहने वाली मछली ने रानी मछली से पूँछा कि-समुद्र कहां है? रानी मछली ने कहा समुद्र में जन्मी, समुद्र में पली, समुद्र में बड़ी हुई, तेरे को सूर्य चांद दिख रहा है, समुद्र नहीं दिख रहा है?” पत्ते-पत्ते पर लिखा है नाम उसका, फिर भी पता पूछते हो। आंख में काजल लगाते हैं, काजल इतना समीप होता है कि- आंख सब देख लेती है लेकिन काजल को नहीं देख पाती है. वासुदेवःसर्वमिति समहात्मा सुदुर्लभः। सर्वत्र और सबमें भगवान का दर्शन करने वाला महात्मा सुदुर्लभ होता है।
सभी हरि भक्तों को तीर्थगुरु पुष्कर आश्रम एवं साक्षात् गोलोकधाम गोवर्धन आश्रम के साधु-संतों की तरफ से शुभ मंगल कामना। श्रीदिव्य घनश्याम धाम
श्रीगोवर्धन धाम कॉलोनी बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्रीदिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट, ग्रा.पो.-गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).