Brahmos Missile: भारत हथियारों का आयातक से निर्यातक बनने की ओर कदम बढ़ा रहा है. अब तक हथियार खरीदने वाला हमारा देश उन्हें बेचने भी लगा है. दरअसल, भारत की डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) के प्रमुख ने बड़ा ऐलान किया है. भारत की रक्षा क्षेत्र में पूरी तरह आत्मनिर्भर बनने की कोशिश में जल्द ही एक और उपलब्धि जुड़ेगी. डीआरडीओ इस साल मार्च तक ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल का निर्यात शुरू कर देगा. इसकी जानकारी खुद डीआरडीओ प्रमुख समीर वी. कामत ने दी.
विदेशों से आ सकते हैं ऑर्डर
डीआरडीओ चेयरमैन ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि डीआडीओ इस साल मार्च तक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की निर्यात शुरू कर देगा. आगे कहा कि डीआरडीओ अगले 10 दिन में ही इन मिसाइलों के ग्राउंड सिस्टम्स का निर्यात शुरू करेगा. इतना ही नहीं डीआरडीओ द्वारा जिन 307 ATAGS बंदूकों को डेवलप किया है और जिनका निर्माण भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम जैसी प्राइवेट क्षेत्र की कंपनियां कर रही हैं, उनके लिए भी इस वित्तीय वर्ष के अंत तक विदेशों से ऑर्डर आ सकते हैं.
‘कुछ और देशों ने भी दिखाई ब्रह्मोस के लिए रुचि’
डीआरडीओ प्रमुख कामत ने बताया कि ब्रह्मोस मिसाइल के लिए फिलीपींस के अलावा अन्य देशों ने भी रुचि दिखाई है. इनमें इंडोनेशिया, वियतनाम जैसे देश शामिल हैं. उन्होंने कहा कि निर्यात के लिए तैयार ATAGS के सारे ट्रायल पूरे हो गए हैं. कहा कि, मेरा अनुमान है कि 31 मार्च से पहले ही इसके लिए ऑर्डर दिया जाएगा.
उन्होंने बताया कि डीआरडीओ की ओर से अब तक जिन हथियारों का प्रोडक्शन हो रहा है, उन्हें जल्द ही भारतीय सेना के तीनों अंगों में शामिल किया जाएगा. उन्होंने बताया कि जल्द ही LCA Mk-1A, अर्जुन एमके-1ए, QRSAM के अलावा हमारी कुछ और मिसाइलें सेना में शामिल होंगी.
इस देश के साथ हुई थी डील
गौरतलब है, जनवरी 2022 में भारत और फिलीपींस के बीच ब्रह्मोस मिसाइलों को लेकर 375 मिलियन डॉलर का सौदा हुआ था. इसी के तहत फिलीपींस को मिसाइलों की डिलीवरी होगी. इस डील के तहत 2 सालों में एंटी-शिप वर्जन की 3 मिसाइल बैटरियों का भी निर्यात होना है. इसी क्रम में माना जा रहा कि इन ब्रह्मोस मिसाइलों को फिलीपींस को निर्यात किया जाएगा.
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